Ramgarh, Bihar Assembly constituency: रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र बिहार के कैमूर (भभुआ) जिले में स्थित है, जिसका राजनीतिक इतिहास सामाजिक न्याय, दलित आंदोलन और जातीय समीकरणों से गहराई से जुड़ा रहा है. यहां बहुजन राजनीति का असर लंबे समय से देखा गया है. रामगढ़ में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे प्रमुख दलों ने समय-समय पर सत्ता हासिल की है. 1990 के दशक में मंडल आयोग की राजनीति और सामाजिक न्याय की लहर के कारण राजद को यहां अच्छी पकड़ मिली थी. वहीं 2000 और 2010 के दशक में जेडीयू और लोजपा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
क्या है मौजूदा हालात ?
2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के ज्ञानचंद पासवान ने जीत हासिल की थी. उन्होंने राजद के सुनील पासवान को हराया था. भाजपा की जीत में केंद्र की योजनाओं और जातीय ध्रुवीकरण की अहम भूमिका मानी गई. हालांकि, स्थानीय स्तर पर ज्ञानचंद पासवान के प्रदर्शन को लेकर मतदाताओं की मिश्रित प्रतिक्रिया रही है. विकास कार्यों को लेकर असंतोष भी देखने को मिला है. 2025 के चुनाव को देखते हुए राजद इस सीट को दोबारा अपने पाले में लाने की तैयारी में जुटी है. पार्टी दलित वोट बैंक को मजबूत करने और महागठबंधन की ताकत को क्षेत्र में फिर से स्थापित करने में लगी है.
क्या हैं क्षेत्र के मुद्दे ?
वहीं भाजपा और एनडीए जातीय संतुलन, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और विकास योजनाओं के सहारे सीट बचाने की कोशिश में हैं. कांग्रेस और लोजपा जैसी पार्टियां यहां सीधे मुकाबले में तो नहीं हैं, लेकिन गठबंधन की राजनीति में इनकी भूमिका अहम हो सकती है. इस क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि संकट, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे प्रमुख हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली सफलता ने राजद कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी है. ऐसे में 2025 का चुनाव रामगढ़ के लिए दिलचस्प और कांटे का हो सकता है, जहां एक बार फिर से भाजपा और राजद आमने-सामने होंगे.