Sherghati Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार की राजनीति में खास पहचान रखने वाला शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र (संख्या 226) समय-समय पर सियासी समीकरणों का गवाह रहा है. 1957 में स्थापित इस सीट पर कई वर्षों तक चुनाव नहीं हुए, लेकिन 2010 से यह फिर से सक्रिय हो गया. खास बात यह रही कि 2010 और 2015 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (JDU) का वर्चस्व रहा, मगर 2020 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस पर कब्जा जमाया.
ऐसा रहा अब तक का सफर
1957 में पहली बार इस सीट पर विधानसभा चुनाव हुए. शुरूआती वर्षों में यहां कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा रहा. 1972 में कांग्रेस के जयराम गिरी यहां से विधायक बने. इसके बाद 1977 से 2010 तक यह सीट बोधगया क्षेत्र में विलीन रही और यहां कोई अलग चुनाव नहीं हुआ. 2010 में शेरघाटी को फिर से विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया और यहां JDU ने मजबूत शुरुआत की.
पिछले तीन विधानसभा चुनावों के नतीजे
वर्ष | विजेता | पार्टी | वोट | मुख्य प्रतिद्वंदी | वोट अंतर |
2010 | विनोद प्रसाद यादव | JDU | 25,447 | सुषमा देवी (निर्दलीय) | 6,503 |
2015 | विनोद प्रसाद यादव | JDU | 44,579 | मुकेश कुमार यादव (HAM‑S) | 4,834 |
2020 | मंजू अग्रवाल | RJD | 61,804 | विनोद प्रसाद यादव (JDU) | 16,690 |
2020 में बड़ा उलटफेर
2010 और 2015 में लगातार दो बार जीतने वाले विनोद प्रसाद यादव को 2020 में करारी शिकस्त मिली. RJD की मंजू अग्रवाल ने उन्हें 16,690 वोटों के बड़े अंतर से हराकर नया राजनीतिक संदेश दिया. यह बदलाव RJD के लिए न सिर्फ एक सीट की जीत थी, बल्कि गया जिले में उसकी पकड़ मजबूत होने का संकेत भी. वहीं, अब 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सभी प्रमुख दलों की निगाहें शेरघाटी पर टिकी हैं. RJD इस सीट को बरकरार रखने की कोशिश में है, वहीं JDU दोबारा वापसी की तैयारी में जुटी है.
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