Bihar Chunav: 2014 के लोकसभा चुनाव से जुड़े एक पुराने मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एक बार फिर कानूनी प्रक्रिया में शामिल हुए. गुरुवार को मुंगेर के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (द्वितीय) पंकज कुमार की अदालत में आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामले की सुनवाई हुई, जहां सम्राट चौधरी समेत कुल पांच आरोपितों के विरुद्ध आरोप तय किए गए.
केस में कुल आठ लोगों को नामजद किया गया था
मामला लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशासनिक स्वीकृति के बिना आम सभा और जुलूस निकालने से जुड़ा है. प्रारंभ में इस केस में कुल आठ लोगों को नामजद किया गया था, जिनमें से तीन की अब मृत्यु हो चुकी है. इनमें दो पूर्व विधायक नेता चौधरी और गणेश पासवान शामिल हैं. शेष पांच आरोपित- सम्राट चौधरी, उदय नारायण चौधरी, समीर मधुकर, दिवाकर और योगेंद्र गुरुवार को अदालत में उपस्थित हुए.
उपमुख्यमंत्री के अधिवक्ता मुकुंद कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों ने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वे दोषी नहीं हैं. अब अगली प्रक्रिया में साक्ष्य पर बहस की जाएगी.
“हम न्यायालय का पूरा सम्मान करते हैं…”
इस पूरे घटनाक्रम पर सम्राट चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम न्यायालय का पूरा सम्मान करते हैं, इसलिए स्वयं उपस्थित हुए. हमारा ध्यान मुंगेर और भागलपुर के विकास पर है, और कोई भी कानूनी प्रक्रिया विकास कार्यों में बाधा नहीं बन सकती.”
मुंगेर में एयरपोर्ट के विकास पर भी बोले सम्राट
उन्होंने मुंगेर में एयरपोर्ट के विकास, गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण, छठ घाटों के निर्माण और सुल्तानगंज-देवघर सड़क को फोरलेन में तब्दील करने की योजनाओं की जानकारी भी दी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सुल्तानगंज में शिव भक्तों के लिए 17 एकड़ जमीन पर सुविधाएं तैयार की जाएंगी और अगुआनी घाट से सुल्तानगंज के बीच बन रहे सड़क पुल पर भी कार्य तेज़ी से जारी रहेगा.
सम्राट चौधरी का यह रुख यह दर्शाता है कि वे कानून का पालन करते हुए भी विकास की रफ्तार थमने नहीं देना चाहते. मामले की अगली सुनवाई अब साक्ष्य के आधार पर आगे बढ़ेगी.
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