Bihar Voter List Revision: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चौंकाने वाला दावा किया कि उनका नाम नई वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि “BLO घर आई थीं, सत्यापन कर गईं, फिर भी मेरा नाम मतदाता सूची से गायब है.” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब उनका नाम ही नहीं है, तो उनकी पत्नी का नाम कैसे होगा. तेजस्वी ने कहा, “अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा?”
स्क्रीन पर “NO RECORDS FOUND” लिखा आया…
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपना EPIC नंबर दिखाते हुए ऑन-स्क्रीन प्रक्रिया साझा की. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपना नाम खोजना चाहा तो स्क्रीन पर “NO RECORDS FOUND” लिखा आया. तेजस्वी ने इसे “चुनाव आयोग की टारगेटेड कार्रवाई” करार दिया और कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है.
पटना DM ने किया दावा खारिज
तेजस्वी यादव के आरोपों पर पटना के जिलाधिकारी एस.एन. त्यागराजन ने तत्काल प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि तेजस्वी का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है और मीडिया में चल रही बातें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं. DM के मुताबिक, तेजस्वी यादव का नाम मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन में क्रम संख्या 416 पर दर्ज है. पहले उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 171 पर था, जिसे अपडेट कर दिया गया है. DM कार्यालय ने बाकायदा उस बूथ लिस्ट की प्रति भी साझा की, जिसमें तेजस्वी यादव की तस्वीर और नाम स्पष्ट रूप से दिख रहा है.
65 लाख नामों की कटौती पर गंभीर सवाल
तेजस्वी यादव ने सिर्फ अपने नाम की बात नहीं की, बल्कि राज्यभर से 65 लाख नामों के हटाए जाने पर भी चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि “चुनाव आयोग ने यह नहीं बताया कि किस विधानसभा से कितने नाम क्यों हटाए गए.” उन्होंने कहा, “हर विधानसभा से औसतन 20 से 30 हजार नाम हटा दिए गए हैं. आयोग ने यह नहीं बताया कि कौन शिफ्ट हुआ, कौन मृत है और किसका नाम डुप्लीकेट था.”
उन्होंने चुनौती दी कि “अगर चुनाव आयोग के पास कुछ छिपाने को नहीं है, तो वह बूथ वाइज डेटा सार्वजनिक करे. जिन लोगों के नाम कटे हैं, उनका कारण बताए.”
सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग
तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ टेक्निकल क्लीनिंग नहीं, बल्कि एक सुनियोजित राजनीतिक धांधली है.” उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता पर भी सीधा हमला करते हुए कहा, “अगर आप पारदर्शी हैं, तो सबकुछ सामने लाएं, वरना यह विश्वास टूट जाएगा.”
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