First Spy Satellite of India RISAT-2: भारत ने 20 अप्रैल 2009 को अपने पहले स्पाई सैटेलाइट RISAT-2 को लॉन्च किया था. इसे भारत की आंख कहा जाता है और इसने देश के दुश्मनों की नींद उड़ा दी थी. रीसैट-2 को देश की सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है. इसके बारे में हर भारतीय को जानना चाहिए क्योंकि यह जीके (General Knowledge) के लिए महत्वपूर्ण टाॅपिक है. इसलिए आइए RISAT-2 सैटेलाइट की अनसुनी कहानी के बारे में जानते हैं.
पहला स्पाई सैटेलाइट RISAT-2 (RISAT-2 in Hindi)
इसरो के मुताबिक, इस सैटेलाइट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) के सहयोग से विकसित किया था. इसका मुख्य उद्देश्य सीमाओं की निगरानी, आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखना और आपदा प्रबंधन में सहायता करना था. RISAT-2 की विशेषता इसकी SAR तकनीक थी और यह दिन-रात और सभी मौसमों में उच्च-रिजाॅल्यूशन इमेजिंग की क्षमता प्रदान करती थी.
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RISAT-2 की लॉन्चिंग और तकनीकी विशेषताएं (General Knowledge)
- लॉन्च तिथि: 20 अप्रैल 2009
- लॉन्च वाहन: PSLV-C12
- वजन: लगभग 300 किलोग्राम
- मुख्य उपकरण: X-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR)
- ऑर्बिट ऊंचाई: 550 किमी
- ऑर्बिट झुकाव: 41 डिग्री.
सुरक्षा में योगदान (RISAT-2 in Hindi)
RISAT-2 ने भारत की सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत किया. यह सैटेलाइट सीमाओं पर संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी, आतंकवादी ठिकानों की पहचान और समुद्री सुरक्षा में उपयोगी रहा. इसके अलावा यह प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावित क्षेत्रों की इमेजिंग करके राहत कार्यों में सहायता करता था.
मिशन की समाप्ति (RISAT-2 in Hindi)
RISAT-2 ने लगभग 13.5 वर्षों तक सेवा प्रदान की और 30 अक्टूबर 2022 को पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश किया. इसकी सेवा ने भारत की निगरानी और सुरक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
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