Japan Train System in Hindi: भारत में ट्रेनों का देरी से चलना आम बात है. कई बार ट्रेनें 5 से 6 घंटे या उससे भी ज्यादा देर से चलती हैं, खासकर सर्दियों में जब कोहरा घना होता है. कुछ ट्रेनें तो 24 घंटे तक लेट हो जाती हैं. ऐसे में लोग इसे सामान्य मान लेते हैं. लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश है, जहां ट्रेन अगर सिर्फ कुछ सेकेंड भी लेट हो जाए तो रेलवे अधिकारी यात्रियों से माफी मांगते हैं. ये देश है जापान, जहां ट्रेन सेवा को समय की पाबंदी और अनुशासन का प्रतीक माना जाता है. आइए जानें अनोखे Japan Train System के बारे में.
Japan Train System: क्या है सिस्टम?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान में ट्रेनों का समय पर चलना इतना जरूरी है कि अगर ट्रेन 20 से 30 सेकेंड भी पहले या बाद में स्टेशन से चलती है तो उसकी आधिकारिक माफी दी जाती है. यात्रियों को ट्रेनों के रूट और टाइमिंग पर पूरा भरोसा होता है, और रेलवे कंपनियां इस भरोसे को बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करती हैं.
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क्या है Delay Certificate?
जापान में अगर 4 या 5 मिनट के लिए ट्रेन लेट हो जाए तो यात्रियों को देरी का सबूत देने के लिए “Delay Certificate” भी मिलता है जिससे उन्हें स्कूल या ऑफिस में कोई समस्या न आए. अगर किसी एक्सप्रेस ट्रेन में ज्यादा देरी होती है या वह रद हो जाती है तो यात्रियों को कुछ मामलों में किराया भी लौटाया जाता है. जापान की रेलवे सेवा केवल समय की पाबंदी नहीं बल्कि यात्रियों के सम्मान और जिम्मेदारी की मिसाल है. यह दिखाता है कि कैसे छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर एक देश अपनी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को दुनिया में सबसे भरोसेमंद बना सकता है.
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2017 में क्या था सॉरी का मामला?
जापानी रेलवे कंपनियां जैसे JR East, Tokyo Metro, और Tsukuba Express 20-25 सेकंड की देरी या जल्दी चलने पर भी औपचारिक रूप से माफी मांगती हैं. 2017 में Tsukuba Express ने एक ट्रेन के 20 सेकंड पहले चलने पर यात्रियों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी.
नोट- Japan Train System की जानकारी रिपोर्ट्स और रिसर्च के आधार पर दी गई है. प्रभात खबर की टीम ने इसमें खुद से कुछ नहीं जोड़ा है.