Khan Sir: खान सर को आज कौन नहीं जानता? प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देश में कई फैकल्टी हैं. सबकी अपनी जर्नी और पढ़ाने का तरीका है. कुछ अपने पढ़ाने के अंदाज के लिए हमेशा ट्रेंड में रहते हैं और इन्हीं में पटना वाले खान सर (Khan Sir) भी शामिल हैं. उनके पढ़ाने का अंदाज तो आपने देखा ही होगा पर शायद ही जानते हों कि खान सर पढ़ाना नहीं चाहते हैं लेकिन उनके एजुकेशन की फील्ड में होने की वजह बहुत बड़ी है. आइए जानते हैं हाल ही में खान सर ने अपने बारे में क्या कहा और उनके पढ़ाने की असली वजह.
Khan Sir: ‘ऐसी है कहानी’
हाल ही में खान सर ने एक पॉडकास्ट एपिसोड में खुलकर बताया कि उन्हें शिक्षा के प्रति जुनून क्यों हुआ. यह एक उस कहानी की शुरुआत है, जिसे सुनकर आप भी उनके फैन हो जाएंगे. खान सर ने बताया कि उन्होंने टीचर बनने का फैसला दिल से लिया था न कि सिर्फ नौकरी या लोकप्रियता के लिए.
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किन स्टूडेंट्स के लिए बोले Khan Sir?
खान सर ने कहा कि मैंने देखा कि कई बच्चे आर्थिक कमी या संसाधनों के अभाव से तरस जाते हैं. मुझे लगा कि अगर मैं पढ़ाऊंगा तो उन्हें भी मौके मिलेंगे. उन्होंने बताया कि Patna के छोटे से कोचिंग सेंटर में जब उन्होंने पढ़ाना शुरू किया तो वहीं उन्होंने महसूस किया कि शिक्षा सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं, बल्कि उम्मीद से भरा एक रास्ता है.
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Khan Sir: संघर्ष से प्रेरणा मिली
खान सर खुद मिडिल क्लाॅस फैमली से आते हैं. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपने शुरुआती दिन देखे कि छात्र भूखे रहते थे, किताबें खरीदने की हालत नहीं थी तब उन्हें एहसास हुआ कि वो सिर्फ शिक्षक नहीं, प्रेरक बनना चाहते हैं. उन बच्चों की आंखों में चमक जब वे समझते थे कि वह पल मेरे लिए सबकुछ था.
नोट- खान सर के टीचर बनने की पूरी जानकारी उनके द्वारा पाॅडकास्ट में बोली गई है. प्रभात खबर की टीम ने इसमें खुद से कुछ नहीं जोड़ा है.