Shubhanshu Shukla: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंच चुके हैं. यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि पहली बार कोई भारतीय वैज्ञानिक सीधे इस तरह के हाईटेक और इंटरनेशनल स्पेस मिशन का हिस्सा बना है. शुभांशु न केवल भारतीय अंतरिक्ष प्रयासों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, बल्कि वे वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक शोध और तकनीकी प्रयोगों में भी योगदान देंगे. यह मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमता और अंतरिक्ष अनुसंधान में बढ़ते कदमों का प्रतीक बन गया है. ऐसे में आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि शुभांशु को इस मिशन के लिए कितने पैसे मिलेंगे.
मिशन की खास बातें
यह स्पेस मिशन कुल 14 दिनों का होगा. इस दौरान शुभांशु स्पेस में रहकर करीब 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे. ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में मानव शरीर पर असर, स्पेस फूड की टेस्टिंग, जैविक रिसर्च और नई तकनीकों की जांच से जुड़े होंगे.
कितनी मिलेगी सैलरी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मिशन में शुभांशु को कोई अलग से सैलरी या प्रति घंटे का मानदेय नहीं मिलेगा. इस मिशन की पूरी लागत भारत सरकार वहन कर रही है. भारत ने अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी Axiom Space को इस मिशन के लिए लगभग 548 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इस राशि से ट्रेनिंग, यात्रा, रिसर्च उपकरण और अन्य संसाधन तैयार किए गए हैं.
शुभांशु का सफरनामा
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला ने अपनी पढ़ाई NDA से की है और उन्होंने IISc बेंगलुरु से M.Tech किया है. वे 2006 में भारतीय वायुसेना में पायलट बने और अब तक 2000 घंटे से अधिक फाइटर जेट उड़ाने का अनुभव रखते हैं. उन्हें 2019 में गगनयान मिशन के लिए चुना गया था और इसके तहत उन्होंने भारत और रूस दोनों जगह कठिन ट्रेनिंग ली थी.
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