फिल्म -सैयारा
निर्माता -यशराज फिल्म्स
निर्देशक – मोहित सूरी
कलाकार -अहान पांडे, अनीत ,राजेश कुमार, वरुण बडोला,आलम खान और अन्य
प्लेटफॉर्म -सिनेमाघर
रेटिंग – तीन
saiyaara movie review :निर्देशक मोहित सूरी ने इस साल इंडस्ट्री में अपने बीस साल पूरे कर लिए हैं.वो लम्हें , आशिकी 2 और एक विलेन जैसी भावनात्मक लव स्टोरी उनके नाम रही है. जिसकी यूएसपी म्यूजिक रहा है.आज रिलीज हुई उनकी फिल्म सैयारा से भी वह एक ऐसी ही इमोशनल लव स्टोरी लेकर आये हैं, जिसमें म्यूजिक का मैजिक है.फिल्म सेकेंड हाफ में कमजोर पड़ती है लेकिन म्यूजिक और युवा कलाकारों का परफॉरमेंस आपको बांधे रखता है.जिस वजह से यह फिल्म एक बार देखी जा सकती है.
इमोशन से भरी है यह प्रेम कहानी
फिल्म की कहानी वाणी बत्रा (अनीत )की है,जिसकी सगाई टूटने से उसका दिल पूरी तरह से टूट गया है. नयी शुरुआत के लिए वह एक मीडिया कम्पनी में नौकरी करने लगती है. जज्बातों को शब्दों में पिरोने का उसे हुनर आता है. उस मीडिया हाउस में कृष कपूर(अहान पांडे) की एंट्री होती है,ब्रैट टाइप, जो नेपोटिज्म के खिलाफ मारपीट करके आवाज उठा रहा है. मारपीट उसका पेशा नहीं है बल्कि वह सिंगर है और संगीत की दुनिया का उसे सबसे बड़ा सितारा बनना है. मीडिया हाउस में कृष की वाणी से मुलाक़ात होती है और वह वाणी की काबिलियत से भी परिचित हो जाता है. प्रोफेशनल मुलाकात जल्द ही पर्सनल में बदल जाती है. दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं,लेकिन कहानी में ट्विस्ट आ जाता है.वाणी को ना चाहते हुए कृष से दूरी बनानी पड़ती है. कृष और वाणी के प्यार का क्या होगा और कृष के सबसे बड़ा सितारा बनने का सपना? यही सब आगे की कहानी है.
फिल्म की खूबियां और खामियां
फिल्म के ट्रेलर लांच के बाद से ही इसकी तुलना आशिकी 2 से होने लगी थी, लेकिन यह आशिकी 2 भर नहीं है. फिल्म की कहानी नयी नहीं है, यह आपको सेकेंड हाफ में काजोल और अजय देवगन स्टारर यू मी और हम की याद दिलाता है. इसके अलावा फिल्म कुछ मौकों पर नोटबुक, रॉकस्टार की भी याद दिलाती है लेकिन फिल्म का ट्रीटमेंट, संगीत,बैकग्राउंड स्कोर और युवा कलाकारों का परफॉरमेंस आपको बांधे रखता है. फिल्म का फर्स्ट हाफ मजबूत है. कृष और वाणी के प्यार का इजहार वाला दृश्य अच्छा बन पड़ा है.इंटरवल में ट्विस्ट के बावजूद फिल्म दिशाहीन लगने लगती है फिर संभलती है.क्लाइमेक्स भी जल्दीबाजी में खत्म किया हुआ लगता है. खामियों में फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट को अच्छा मौक़ा ना देना भी अखरता है.फिल्म का म्यूजिक ही इसका मैजिक है.जो कहानी को मजबूती देते हैं. टाइटल ट्रैक सैयारा फिल्म खत्म होने के बाद भी याद रह जाता है. कहानी की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है.
अहान और अनीत का असरदार अभिनय
अभिनय की बात करें तो इस फिल्म से इंडस्ट्री में दो युवा चेहरों ने दस्तक दी है. अहान पांडे, अनन्या पांडे के कजिन भाई हैं.उन्होंने कृष के किरदार में अपना बेस्ट दिया है. शुरुआत में उनके किरदार में एक ब्रेट नजर आता है, लेकिन जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है.उनके इमोशनल रंग भी परदे पर बखूबी उभरते हैं. अभिनेत्री अनीत की तारीफ़ बनती है.उन्होंने अपने किरदार से जुड़े मासूमियत,सच्चाई, डर और संघर्ष को बखूबी जिया है.वह फिल्म में बहुत प्यारी नजर आयी हैं. आलम खान बाकी के कलाकारों के अपनी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है.