दीपक-47
नामांकन समिति की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बीआरएबीयू में स्नातक (ग्रेजुएशन) सीटों को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है. विवि संबद्ध कॉलेजों में स्नातक सीटों की एकरूपता लागू करेगा. इसके लिए हाल ही में बढ़ायी गयी सीटों की समीक्षा की जायेगी. मंगलवार को कुलपति प्रो डीसी राय की अध्यक्षता में हुई नामांकन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. विवि स्तर पर पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जायेगा, जो विभिन्न विषयों में सीटों की गहन समीक्षा करेगी.इसमें प्रॉक्टर प्रो बीएस राय व डीएसडब्ल्यू डॉ आलोक प्रताप सिंह सहित अन्य सदस्य शामिल होंगे. अधिसूचना जारी होते ही यह समिति अपना काम शुरू कर देगी. अगले आठ से दस दिनों में समिति अनुदानित, स्थायी संबद्धता प्राप्त व नये संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में विभिन्न विषयों में सीटों का मूल्यांकन करेगी. इस समीक्षा के बाद, स्नातक में नामांकन के लिए प्राप्त आवेदनों के आधार पर जुलाई के पहले सप्ताह में पहली मेरिट सूची जारी की जायेगी. इसी के आधार पर कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया होगी. बैठक में डीएसडब्ल्यू डॉ. आलोक प्रताप सिंह, सभी संकायों के डीन, रजिस्ट्रार प्रो समीर शर्मा, आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्या डॉ ममता रानी, परीक्षा नियंत्रक डॉ राम कुमार, यूएमआइएस समन्वयक डॉ टीके डे सहित कई अन्य अधिकारी शामिल हुए.
क्यों हो रही है सीटों की समीक्षा
बैठक में यह सामने आया कि पिछले वर्षों में हिंदी, राजनीति विज्ञान, इतिहास, जूलॉजी, मनोविज्ञान व होम साइंस जैसे छह विषयों में अधिक आवेदनों के आधार पर संबद्ध कॉलेजों में लगातार सीटों में वृद्धि हुई है. सत्र 2025-29 के तहत होने वाले नामांकन के लिए भी कई कॉलेजों ने सीट बढ़ाने के लिए आवेदन दिए हैं. दूसरी ओर, अंगीभूत कॉलेजों में सीटों की संख्या नहीं बढ़ रही है जिसे लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं. प्रॉक्टर प्रो बीएस राय ने बताया कि स्नातक में होने वाले नामांकन से पहले पांच सदस्यीय समिति सीटों की समीक्षा करेगी.
शुल्क में भी आयेगी एकरूपता
स्नातक कोर्स में फीस की एकरूपता लागू होगी. मनमाना शुल्क लेने वाले कॉलेजों पर कार्रवाई की जायेगी. राजभवन द्वारा अधिसूचित फीस संरचना सभी कॉलेजों को नामांकन से पहले भेजी जायेगी. इसके अलावा, सभी कॉलेजों को पिछले दो सत्रों में स्नातक नामांकन के लिए छात्रों से लिए गए शुल्क का विवरण विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. डीएसडब्ल्यू डॉ आलोक प्रताप सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि स्नातक में फीस की एकरूपता लागू की जायेगी.
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