पिंड्राजोरा, बीबीएम बीएड कॉलेज सरदाहा चास में उच्च शिक्षा का वैश्विक परिप्रेक्ष्य विषय पर शनिवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी. मुख्य अतिथि आरएसपी काॅलेज झरिया के डाॅ उपेंद्र कुमार ने कहा कि भारत पुनः सभ्यता और संस्कृति के पुनर्जागरण से भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर है. प्राचीनकाल में भारत विश्वगुरु था. बीच में उच्च शिक्षा का वैश्वीकरण होने के कारण अपनी मूल सभ्यता, संस्कार संस्कृति, रहन, सहन, खानपान आदि से भटक जाने के कारण विलंब हुआ.
वर्तमान में तकनीकी शिक्षा बहुत जरूरी : डॉ आशीष
विशिष्ट अतिथि बीएचयू (बनारस) के डाॅ आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि परिवर्तन ही संसार का नियम है. उच्च शिक्षा का वैश्वीकरण हो रहा है, पर वर्तमान में तकनीकी शिक्षा बहुत जरूरी है. तकनीकी शिक्षा विकल्प नहीं, बाध्यता है. इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत आमंत्रित अतिथियों ने कॉलेज के संगोष्ठी हॉल में बिनोद बिहारी महतो की स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया.
इन्होंने भी किया संबोधित
आर्यभट कॉलेज विश्व विद्यालय पटना के प्रोफेसर ज्ञान देव मणि त्रिपाठी, कॉलेज के प्राचार्य डॉ कुमुद रंजन, डॉ मनोज कुमार, सचिव अजीत प्रसाद महतो, उपाध्यक्ष खिरोधर महतो, कोषाध्यक्ष बसंत कुमार महतो आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. मौके पर संयुक्त सचिव मंटू लाल महतो, सदस्य रामेश्वर महतो भूषण आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है