उद्भेदन. एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर लूट की घटना का किया खुलासा, कहा
संवाददाता, जामताड़ा. पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. हथियार के बल पर लूट की घटना को अंजाम देने वाला गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. गिरफ्तार आरोपी सभी जामताड़ा थाना क्षेत्र के मोहड़ा गांव निवासी हैं, जिसमें रियाजुद्दीन अंसारी उर्फ रेहान उर्फ रिजाउल अंसारी, शाहरूख अंसारी, सोहेल आलम व हैदर अंसारी शामिल है, जो लंबे समय स लूट की घटना को अंजाम दे रहा था. इस संबंध में एसपी राजकुमार मेहता ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने बताया कि 11 जून को बिंदापाथर थाना क्षेत्र के धसनियां के पास एक युवक के साथ हथियार के बल पर लूट की घटना का उद्भेदन कर लिया गया है. पुलिस ने चार शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने लूट के 74,000 नकद, लूट में प्रयुक्त वाहन, मोबाइल फोन तथा एक देसी कट्टा और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं. बताया कि 11 जून को श्रीपद मंडल, जो कि खागा थाना अंतर्गत बांसकुपी गांव, जिला देवघर का निवासी है, अपनी बाइक से जा रहा था. धसनियां गांव के पास एक सिल्वर रंग की कार में सवार अज्ञात बदमाशों ने उसे ओवरटेक किया. हथियार का भय दिखाकर उससे 60,000 नकद, मोबाइल फोन और डेबिट कार्ड लूट लिया. पीड़ित की शिकायत पर 12 जून को बिंदापाथर थाने में कांड संख्या 46/2025, भाग 309(4) बीएनएस 2023 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. घटना को गंभीरता से लेते हुए नाला एसडीपीओ मनोज कुमार महतो के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया. गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तकनीकी एवं गुप्त सूचना के आधार पर सिल्वर रंग की कार को चिह्नित कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उक्त आरोपियों ने न केवल इस लूट में अपनी संलिप्तता स्वीकारी, बल्कि 11 जून को ही करमाटांड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत कालाझरिया तालाब के पास घटित एक अन्य लूटकांड में भी अपनी भागीदारी कबूल की. यह भी सामने आया है कि ये आरोपी जामताड़ा जिले में घटित कई अन्य आपराधिक घटनाओं में भी संलिप्त रहे हैं. एसपी ने इस सफल ऑपरेशन के लिए पूरे छापामारी दल को बधाई दी है. कहा है कि अपराधियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा. उन्होंने आम जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि समाज को सुरक्षित बनाया जा सके.गिरफ्तार गिरोह साइबर ठगों को भी बनाता था निशाना
एसपी ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से जिले में सक्रिय था और मुख्य रूप से साइबर अपराधियों को निशाना बनाता था. ये लोग बैंक या एटीएम से पैसे निकालने वाले साइबर ठगों की रेकी करते और फिर लूट की वारदात को अंजाम देते थे. हालांकि सीएसपी संचालकों को लूटने की गलती ने इन्हें पुलिस के हत्थे चढ़ा दिया. कहा गिरोह के दो अन्य सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है.छापामारी दल में ये थे शामिल :
बिंदापाथर थाना प्रभारी विकास कुमार यादव, एसआई चंदन कुमार तिवारी, मिहिजाम. थाना प्रभारी मिहिजाम विवेकानंद दुबे, एसआई उमेश सिंह, एएसआई राकेश रंजन, आरक्षी रंजीत कुमार साह, सुधीर कुमार व संतोष कुमार सिंह, तकनीकी शाखा जामताड़ा शामिल थे.– ये समान हुआ बरामद
– एक सिल्वर रंग की बिना नंबर प्लेट वाली कार- एक ब्लू-ब्लैक रंग की बाइक (रजिस्ट्रेशन नं. जेएच 21क्यू 5378)- एक काली रंग की बाइक (रजिस्ट्रेशन नं. जेएच 21एम 80831)- एक देशी कट्टा और दो जिंदा कारतूस- चार एंड्रॉयड मोबाइल फोन- लूटा गया 74,000 नकद-डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है