संवाददाता, देवघर . रविवार को नटराज स्कूल ऑफ आर्ट्स वेद टीचिंग संस्थान, देवघर में प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ द्वारा आयोजित प्रायोगिक परीक्षा की शुरुआत हुई. परीक्षा का संचालन चंडीगढ़ से आए परीक्षक मनोज चटर्जी ने किया. परीक्षा में गायन, वादन (तबला), कथक नृत्य और ड्राइंग के विद्यार्थियों ने भाग लिया. परीक्षा के दौरान बच्चों ने अपने-अपने विषय में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अच्छे अंक प्राप्त करने की उम्मीद जतायी. कुल 52 परीक्षार्थियों ने इस परीक्षा में भाग लिया. संस्थान की निदेशिका डॉ रीता ठाकुर ने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि परीक्षा को बोझ नहीं, एक आनंद के रूप में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए इस तरह की परीक्षाएं बच्चों को निखारने का मौका देती हैं. संस्थान का लक्ष्य है कि यहां के बच्चे देवघर ही नहीं, देश-विदेश में भी अपनी पहचान बना सकें.परीक्षा को सफल बनाने में नटराज संस्थान के शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. गायन विषय में विश्वमय चक्रवर्ती, तबला में सुनील कुमार विश्वकर्मा और हरि शंकर बर्मन, कथक में संजीव परिहस्त और ड्राइंग में कुंदन पंडित ने सहयोग दिया. आयोजन को सफल बनाने में रिंकू ठाकुर और विजया सिंह की भी विशेष भूमिका रही.
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