समस्तीपुर : जिले के सात फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस उपाधीक्षक सह जिला शिक्षक नियोजन जांचकर्ता गौतम कृष्ण ने विभूतिपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. साथ ही पूरे मामले की रिपोर्ट जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को दी है. राज्य में वर्ष 2006 से 2015 तक के नियोजित शिक्षकाें के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस अधीक्षक को समस्तीपुर जिला में जांच कार्य के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है. विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत नियोजन इकाई में प्राथमिक विद्यालय बलहा की पंचायत शिक्षिका अंजली कुमारी, प्राथमिक विद्यालय बनौली के पंचायत शिक्षक नवीन कुमार, प्राथमिक विद्यालय सरगाहा खराज की पंचायत शिक्षिका प्रतिभा कुमारी, नियोजन इकाई देसरी कर्रख में प्राथमिक विद्यालय मल्लाह टोल की संगीता कुमारी, प्राथमिक विद्यालय सरगाहा की पंचायत शिक्षिका सोनी कुमारी, सुजीता कुमारी व प्राथमिक विद्यालय बनौली के पंचायत शिक्षक सूरज कुमार का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. सभी शिक्षकों शिक्षिका के नियोजन आवेदन के साथ लगे बीईटीईटी प्रमाण पत्र की जांच करायी गई. प्रमाण पत्र को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में जांच के लिए भेजा गया. जांच में भेजे गये प्रमाण पत्र के आलोक में परीक्षा समिति ने इसे फर्जी बताया. साथ ही बताया कि अभिलेख मेल नहीं खाता है. इतना ही नहीं अंक पत्र पर भी फर्जी मुहर भी अंकित करने की बात कही गई. निगरानी ने विभूतिपुर थाना में फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज कराया है. थानाध्यक्ष ने अंडर सेक्शन 467, 468, 471, 420, 120 (बी) आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.
फर्जी प्रमाण पत्र पाने पर अभ्यर्थियों में बढ़ी बेचैनी
फर्जी प्रमाण पत्र पाये जाने के बाद ऐसे शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच काफी बेचैनी बढ़ गई है. कारण कि वे किसी तरह फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षक बनने के लिए चयनित हो गये, लेकिन स्कूलों में योगदान से पहले ही उनकी प्रमाण पत्र जांच करा ली गई और प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया. इस वजह से बिना शिक्षक पद पर योगदान की यही अब उन्हें कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ेगा.– एक ही रौल नंबर के बीटीईटी प्रमाण पत्र पर थे नियुक्त
नियोजन के दौरान सक्रिय शिक्षा माफियाओं के बीच भी खलबली मच गई है. कारण कि ऐसे शिक्षकों के बहाली के दौरान शिक्षा माफियाओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी. शिक्षा माफियाओं ने टीईटी और सीईटीटी का प्रमाण पत्र फर्जी उपलब्ध कराकर बहाल कराने में कामयाबी हासिल की थी. फर्जी टीईटी तथा सीटीईटी प्रमाण पत्र में अधिक अंक दिखा कर मेधा सूची में चयनित होने में कामयाब हो गये थे. अधिकारियों का कहना है कि फर्जी प्रमाणपत्र वालों पर कार्रवाई तय है.– बीईटीईटी प्रमाण पत्र की जांच करायी गयी तो मामले का हुआ खुलासा
जिला नियोजित शिक्षकों की बहाली में जो फर्जीवाड़ा हुआ है, वो गुत्थी अभी तक निगरानी विभाग नहीं सुलझा सका है. जानकारी के मुताबिक 11,454 नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच होनी है. अब तक करीब 3545 शिक्षकों का फोल्डर नहीं मिल पाया है. ऐसे में फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई करने में निगरानी विभाग के पसीने छूट रहे हैं. जबकि जिले के फर्जी शिक्षक अपनी पहुंच के बल पर कार्रवाई से बचते हुए अभी तक सरकारी राशि को हजम कर रहे हैं. हाईकोर्ट के आदेश पर जिले में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर बहाल शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच निगरानी विभाग कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है