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एइएस : जिला प्रशासन अलर्ट, 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय

- डीआइसी भवन में चल रहा है 24 घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम

मुजफ्फरपुर.

एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के संक्रमण को नियंत्रित करने और लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक

– डीआइसी भवन में चल रहा है 24 घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम

मुजफ्फरपुर.

एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के संक्रमण को नियंत्रित करने और लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक तैयारी की है. डीएम सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर सदर अस्पताल के डीआइसी भवन में 24 घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. यहाँ तीन पालियों में कर्मचारियों की तैनाती की गयी है, जो एइएस की लगातार निगरानी कर रहे हैं. कंट्रोल रूम के नंबर 0621-2266055 व 0621-2266056 पर संपर्क करके जानकारी और सहायता प्राप्त कर सकते हैं. इसके साथ ही एइएस के लिए टोल-फ्री नंबर 18003456629 भी जारी किया गया है.

ऐसे चल रही है तैयारी

प्रखंड स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं व विकास मित्रों को ट्रेनिंग दी गयी है. बीडीओ व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर रहे हैं. इसके अलावा सरकारी व निजी वाहनों की पंचायतवार टैगिंग की गयी है और वाहन संचालकों के मोबाइल नंबर आशा कार्यकर्ताओं और सेविकाओं को दिये गये हैं, ताकि बच्चों में लक्षण दिखने पर उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचा सकें. सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने और अपने कर्तव्यों का पालन करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और बच्चों में एइएस के लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल ले जाने की अपील की है.

बच्चों को पहुंचाने के लिए 2400 वाहन टैग

-प्रत्येक पंचायत में टैग किये गये ऑटो व चार पहिया वाहन

-आशा व आंगनबाड़ी सेविका को दिया गया है मोबाइल नंबर

मुजफ्फरपुर.

एइएस से पीड़ित बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के 2400 ऑटो व चार पहिया वाहनों को स्वास्थ्य विभाग ने टैग किया है. हर पंचायत में इसकी सूची बनाकर आशा व आंगनबाड़ी सेविका को दी गयी है. सभी वाहन मालिकों को मोबाइल नंबर भी उपलब्ध करा दिया गया है. यदि कोई बच्चा बीमार पड़ता है तो उसके माता-पिता के फोन करने पर आशा या आंगनबाड़ी सेविका वाहन मालिकों का फोन करेंगी. वाहनों के किराया मद में मालिकों को अस्पताल पहुंचाने पर 400 से 700 रुपये दिये जायेंगे. साथ ही एइएस से बचाव के लिए प्रत्येक पंचायत में जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू कर दिया गया है. हर पंचायत में एइएस जागरूकता के लिए कैंप लगाया जा रहा है. अब तक सात बच्चे ही एइएस से पीड़ित हुए हैं. जिनमें मुशहरी और बोचहां से दो, पारू से एक, कुढ़नी से एक व मोतीपुर से एक बच्चा है.

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