Giridih News : बेंगाबाद के विभिन्न तालाबों में मत्स्य स्पाॅन और अंगुलिकाओं को डालने के लिए बंगाल की निर्भरता खत्म होने वाली है. पहले इस क्षेत्र में हेचरी की व्यवस्था नहीं होने से मत्स्य पालकों को काफी परेशानी होती थी, लेकिन मत्स्य विभाग के सहयोग से बेंगाबाद के नगरी गांव में मत्स्य हेचरी की शुरुआत की गयी है. अब यहां पर मत्स्य स्पाॅन, जीरा और अंगुलिकाओं को तैयार किया जायेगा. स्थानीय स्तर पर मत्स्य के बीज तैयार होने से इसका लाभ किसानों के साथ साथ विभाग को भी होगा. मत्स्य पालन के क्षेत्र में कार्य कर रहे किसानों को बंगाल से मत्स्य बीज मंगाने की झंझट नहीं रहेगी. किसानों को आसानी से यहां विभिन्न प्रजाति का मत्स्य जीरा उपलब्ध हो जायेगा. इससे किसानों को समय और पूंजी की भी बचत होगी. मत्स्य विभाग की इस पहल से किसानों में मछली की खेती के प्रति रुचि और बढ़ेगी.
जरूआडीह पंचायत के नगरी में शुरू हुई है हैचरी :
बताया जाता है कि जरूआडीह पंचायत के नगरी गांव के किसान अरुण सिंह पिछले कई वर्षों से मत्स्य विभाग से जुड़ कर कार्य करते आ रहे हैं. वे अपने तालाबों में बड़े पैमाने पर मछली की खेती करते हैं. वहीं पूर्व से मछली के जीरा और अंगुलिकाओं को भी तैयार कर रहे हैं. खंडोली सहित अन्य जलाशयों में डालने के लिए मत्स्य विभाग उनके तालाब में तैयार अंगुलिकाओं को खरीदता है. हालांकि अधिक संख्या में स्पाॅन से जीरा तैयार करने के कारण विभाग को अतिरिक्त व्यवस्था के लिए बंगाल पर आश्रित रहना पड़ता था. वहीं क्षेत्र के किसानों को भी अपने तालाब में जीरा डालने के लिए दूसरे स्थान से खरीदी करनी पड़ती थी. दूर से जीरा लाने के दौरान इसकी काफी क्षति भी हो जाती थी. इसे देखते हुए मत्स्य विभाग की पहल पर अरुण सिंह ने अपने तालाब में इसकी व्यापक खेती करने का प्रयास किया. अब यह प्रयास रंग लाया. विभागीय अधिकारियों के दिशा निर्देश व प्रशिक्षण के बाद वे इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिये हैं. किसान अरुण सिंह का कहना है कि विभाग से मिली जानकारी के बाद वे इस क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर खेती शुरू किये हैं.बोले जिला मत्स्य पदाधिकारी :
जिला मत्स्य पदाधिकारी मो मोजाहिद अंसारी ने कहा कि बेंगाबाद के नगरी गांव में हेचरी की शुरुआत से गिरिडीह जिला को मत्स्य स्पाॅन और मत्स्य जीरा और अंगुलिकाओं के मामले में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. इसके लिए अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. जल्द ही यह प्रयास रंग लायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है