अजीत द्विवेदी, पंचदेवरी
पशुपालन अब ग्रामीण किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. बड़ी संख्या में किसान दुग्ध उत्पादन के माध्यम से न केवल आत्मनिर्भर हो रहे हैं, बल्कि अपने सपनों को भी साकार कर रहे हैं. बेरोजगारी को लेकर निराश रहने वालों के लिए ये पशुपालक प्रेरणास्रोत बन चुके हैं. गोपालगंज जिले में ऐसे पशुपालकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो दूध उत्पादन को आय का प्रमुख साधन बना चुके हैं. पंचदेवरी प्रखंड की बात करें तो यहां करीब पांच हजार पशुपालक किसान इस क्षेत्र में कार्यरत हैं. खालगांव पंचायत के गहनी गांव निवासी व्यास दुबे, धर्मदेव मांझी, नगीना पाल, कैलाश दुबे और अलगू भगत बताते हैं कि दुग्ध उत्पादन से उन्हें स्थायी आमदनी का स्रोत मिला है. इससे न सिर्फ परिवार चलता है, बल्कि खेती और बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी निकल जाता है. धूमनगर की दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति से जुड़े किसानों ने बताया कि नियमित दूध बिक्री से उन्हें प्रतिदिन सैकड़ों रुपये की आमदनी हो जाती है. यदि इस व्यवसाय को और विस्तार दिया जाये तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. नंदपट्टी, टेरखेमराज, लोहटी, गहनी सहित पंचदेवरी प्रखंड के कई गांवों में महिलाएं भी दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़कर अच्छी आमदनी कर रही हैं. यह न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित कर रहा है. ग्रामीण इलाकों में दुग्ध उत्पादन अब रोजगार का एक प्रभावी माध्यम बन चुका है, जो सतत आजीविका का मार्ग खोल रहा है.पंचदेवरी के टेर खेमराज में ग्रामीण बल्क मिल्क कूलर केंद्र स्थापित किया गया है. केंद्र के संचालक ज्योति भूषण तिवारी उर्फ पिंटू तिवारी ने बताया कि इस केंद्र से 80 दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियां जुड़ी हुई हैं. प्रत्येक समिति से करीब दो सौ पशुपालक किसान जुड़े हुए हैं. इस तरह कूलर केंद्र से करीब 16 हजार किसान लाभान्वित हो रहे हैं. इनमें पांच हजार किसान सिर्फ पंचदेवरी प्रखंड के हैं. शेष किसान भोरे, कटेया व कुचायकोट प्रखंडों के हैं.मुजफ्फरपुर सुधा डेयरी में भेजा जाता है दूध
संचालक ने बताया कि इन किसानों द्वारा दूध की बिक्री समितियों को की जाती हैं. इसके बाद सभी समितियां बल्क मिल्क कूलर केंद्र पर दूध पहुंचाती हैं, जहां से इसे ठंडा कर मुजफ्फरपुर सुधा डेयरी में भेजा जाता है, बल्कि मिल्क कूलर केंद्र दूध को तेजी से ठंडा करता है, जिसके कारण उसकी ताजगी व गुणवत्ता बनी रहती है. ग्रामीण क्षेत्र में यह सुविधा उपलब्ध होने के कारण ज्यादा संख्या में किसान पशुपालन में रुचि ले रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है