भोरे. प्रखंड क्षेत्र में बुधवार को हुए पंचायत उपचुनाव में करीब 46 प्रतिशत मतदान हुआ. कुल 40 मतदान केंद्रों पर 21033 में से 9033 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. सबसे अधिक 58 प्रतिशत वोटिंग गोपालपुर पंचायत में हुई. मतदान शांतिपूर्ण हो गया. भले ही कुल मतदान प्रतिशत कम रहा हो, लेकिन महिलाओं की भागीदारी अंतिम समय में काफी सक्रिय रही. कई बूथों पर महिलाओं की कतारें पुरुषों से लंबी दिखीं. मतदान के बाद सभी इवीएम को सीलबंद कर कड़ी सुरक्षा के बीच गांधी स्मारक उच्च विद्यालय भोरे में बनाये गये स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कर दिया गया है. मतगणना 11 जुलाई को सुबह 8 बजे से होगी.
मतदान के दौरान सुरक्षा के थे पुख्ता प्रबंध
मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए हथुआ एसडीओ अभिषेक चंदन और एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता ने कई मतदान केंद्रों का दौरा किया. उन्होंने मतदान कर्मियों और स्थानीय अधिकारियों से जानकारी ली और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए आवश्यक निर्देश दिए. प्रशासन की ओर से कुल 220 मतदान कर्मियों की तैनाती की गई थी. मतदान की निगरानी के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल अधिकारी और पेट्रोलिंग पार्टी को सक्रिय रूप से तैनात किया गया था. प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण हो गया है. मतगणना 11 जुलाई को गांधी स्मारक उच्च विद्यालय के परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच होगी.
मुखिया को पदमुक्त किये जाने से हुआ उपचुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व मुखिया गिरिजेश शर्मा को पदमुक्त किए जाने के बाद यह उपचुनाव कराया गया. मतदान के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. पुलिस आधुनिक हथियारों से लैस होकर तैनात था हंगामा या अव्यवस्था की अनुमति नहीं थी. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूथों का निरीक्षण करते रहे और मतदान की निगरानी करते रहे. मतदान समाप्त होने के बाद सभी पोलिंग पार्टियां इवीएम के साथ कलेक्शन सेंटर रवाना हो गयी. मतगणना शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय में की जायेगी.
ड्यूटी से गायब जोनल मजिस्ट्रेट पर डीएम ने की कार्रवाई
गोपालगंज. पंचायत उपचुनाव में जोनल मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात जिला कल्याण पदाधिकारी अब्दुल राशिद ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे जिसे डीएम पवन कुमार सिन्हा ने गंभीरता से लिया. डीएम ने तत्काल प्रभाव से उनके खिलाफ विभाग को आरोप पत्र भेजने का आदेश दिया. डीएम के कड़े रुख से अधिकारियों के भी होश उड़े हुए हैं. डीएम ने कहा कि पंचायत उप चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य से जोनल मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात अधिकारी के गायब रहना क्षम्य नहीं है.
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