प्रतिनिधि, खूंटी.
जिला मुख्यालय में लगभग 100 विद्यार्थियों को खेल प्रशिक्षण बंद हो गया है. प्रशिक्षण पाने वालों में जिले के विभिन्न प्रखंडों के विद्यार्थी शामिल थे. गौरतलब हो कि जिला प्रशासन व रूठ फाउंडेशन के सहयोग से विद्यार्थियों को खेल का प्रशिक्षण दिया जाता था. उन्हें हॉस्टल में रखने, खाने-पीने, खेलकूद का प्रशिक्षण, जर्सी, खेल सामग्री, स्कूल तक लाने-ले जाने सहित अन्य की व्यवस्था फाउंडेशन करती थी. बस सुविधा भी प्रदान की गयी थी. विद्यार्थियों को एथलेटिक्स, हॉकी और फुटबॉल का प्रशिक्षण दिया जा रहा था. वर्तमान में बच्चों को मिलनेवाली सारी सुविधाएं बंद हो गयी हैं. बच्चों को हॉस्टल से बाहर कर दिया गया है. विद्यार्थियों का नामांकन खूंटी के उच्च विद्यालय अनिगड़ा और मुरहू के लक्ष्मी नारायण उच्च विद्यालय में कराया गया था. हॉस्टल से उन्हें बस से स्कूल पहुंचाया जाता था. अब बच्चे अपने खर्च पर किराये पर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. अब खेल का प्रशिक्षण लेने के लिए अपने खर्च पर आना-जाना करना पड़ रहा है. जिसके कारण उन्होंने स्कूल से अपना नाम हटा कर अपने नजदीकी स्कूलों में दाखिला करा लिया है. प्रशिक्षण बंद होने को लेकर शुक्रवार को सभी विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ उपायुक्त आर रॉनिटा से मुलाकात की. उन्होंने उपायुक्त के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा. अभिभावकों ने कहा कि प्रखंड स्तर से बच्चे काफी मेहनत और लगन के साथ अपनी खेल प्रतिभा निखारने में लगे थे. वे अपनी मेहनत से अच्छा प्रदर्शन कर जिला मुख्यालय तक चयन होकर पहुंचे थे. उनकी देखभाल तथा खेल के लिए कई संसाधन और सुविधाएं दी जा रही थी, लेकिन दो महीने से उनकी सारी सुविधाएं बंद हो गयी है. अभिभावकों ने बच्चों की समस्या को दूर करने का मांग की.फंड बंद होने से परेशानी :
उपायुक्त आर रॉनिटा ने कहा कि बच्चों के रहने-खाने से संबंधित फंड वर्तमान में बंद हो गया है. बच्चों के लिए यह फंड केवल एक साल चार महीना ही मिला. फंड के बंद होने से कार्यक्रम फिलहाल बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि फंड के मिलने पर फिर से बच्चों को सभी सुविधाएं मिलने लगेगी. डीसी ने कहा कि बच्चों को मिलने वाला प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है. अभिभावक और विद्यार्थी शुक्रवार को खूंटी सांसद कालीचरण मुंडा से मुलाकात किये. सांसद से भी उन्होंने अपनी समस्याओं को दूर करने की गुहार लगायी.खूंटी जिले के विभिन्न प्रखंडों से 100 विद्यार्थी खिलाड़ी किये गये थे चयनित
विद्यार्थियों को मिलता था एथलेटिक्स, हॉकी और फुटबॉल का प्रशिक्षण
हॉस्टल से निकाले गये विद्यार्थी खिलाड़ी, अपने खर्चे पर जीने को विवश
पैसों की कमी के कारण कई खिलाड़ी दूसरे स्कूल में कराया दाखिलाB
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