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लीड: सुरक्षा पर सवाल: बेला औद्योगिक क्षेत्र में नहीं दिखती पुलिस की गश्ती!

---- फोटो - माधव 2 से 14

-- दिन दहाड़े सड़कें सूनसान रहती हैं, जिससे आपराधिक तत्वों को मनमानी करने का खुला मौका मिल रहा

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

बेला औद्योगिक क्षेत्र, जो

—- फोटो – माधव 2 से 14

— दिन दहाड़े सड़कें सूनसान रहती हैं, जिससे आपराधिक तत्वों को मनमानी करने का खुला मौका मिल रहा

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

बेला औद्योगिक क्षेत्र, जो उद्यम और विकास के लिए जाना जाता है. इस इलाके में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा गया है. फेज-1 और फेज-2 में फैली 16 किलोमीटर की विशाल क्षेत्र में कुल 427 छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं. जहां डेढ़ लाख से अधिक श्रमिक अपने खून-पसीने से अर्थव्यवस्था को गति दे रहे हैं. लेकिन, इन मेहनतकशों की सुरक्षा आज भगवान भरोसे है. औद्योगिक क्षेत्र में दिन दहाड़े सड़कें सूनसान रहती हैं, जिससे आपराधिक तत्वों को मनमानी करने का खुला मौका मिल रहा है. दूसरी ओर सुरक्षा गश्त नदारद है, और पुलिस की मौजूदगी नाम मात्र की भी नहीं दिखती. इसके साथ ही बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) द्वारा निगरानी के लिए गार्ड तो नियुक्त किए गए हैं, लेकिन ये गार्ड कभी नजर नहीं आते.

एरिया में हो चुकी है, कई छिनतई और गोलीबारी की घटनाएं

बेला औद्योगिक क्षेत्र में कई छिनतई और गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी है. आए दिन ऐसी खबरें सामने आती हैं, जहां श्रमिकों को अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धोना पड़ता है. ऐसी कई घटनाएं पूर्व में घटित हो चुकी हैं, जिनमें श्रमिकों को गंभीर चोटें आई हैं, और कुछ मामलों में तो जान भी गंवानी पड़ी है. इन घटनाओं के कारण पूरे औद्योगिक क्षेत्र में भय की स्थिति बनी रहती है. सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है? श्रमिकों और उद्यमियों द्वारा बार-बार गुहार लगाने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

उद्योगों पर पड़ रहा नकारात्मक असर

डेढ़ लाख से अधिक श्रमिकों का रोजगार सीधे तौर पर बेला औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ा है. असुरक्षा के इस माहौल का सीधा असर इन श्रमिकों के मनोबल और उनकी आजीविका पर पड़ रहा है. जिससे औद्योगिक विकास की गति धीरे-धीरे धीमी हो रही है. मौजूदा उद्यमी भी अपनी इकाइयों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. यदि जल्द ही सुरक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो इसका सीधा नकारात्मक प्रभाव न केवल श्रमिकों के भविष्य पर पड़ेगा, बल्कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी इससे बुरी तरह प्रभावित होगी.

स्थानीय लोगों की मांग: बढ़ाएं गश्त, लगाएं सीसीटीवी कैमरे

बेला औद्योगिक क्षेत्र के स्थानीय लोगों, श्रमिकों और उद्यमियों ने एकजुट होकर प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग की है. उनकी प्रमुख मांगों में औद्योगिक क्षेत्र में नियमित पुलिस गश्त बढ़ाना, महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाना, और एक विशेष पुलिस चौकी की स्थापना करना शामिल है. उनका कहना है कि इन कदमों से न केवल अपराधियों पर लगाम लगेगी, बल्कि श्रमिकों और उद्यमियों में भी विश्वास का माहौल बनेगा. देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इन गंभीर मुद्दों पर संज्ञान लेता है और डेढ़ लाख से अधिक लोगों के जीवन और आजीविका की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाता है.

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