गांव के विकास में बहुआयामी योजनाओं का किया जा रहा समावेश मधुबनी . राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक सजगता से जिले का ग्रामीण परिवेश तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है. मनरेगा योजना के माध्यम से जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों को रोजगार उपलब्ध कराने, महिलाओं का सशक्तीकरण करने और बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने के लिए कई तरह के प्रयासों को मूर्त रूप दिया है. मधुबनी में 2024-25 के चालू वित्तीय वर्ष में मार्च तक 1 हजार 580 कार्य योजनाओं को पूरा करा लिया गया है. 3 लाख 25 हजार 995 सक्रिय परिवारों को गांव में रोजगार से जोड़ा गया है. यह 80 फीसदी के आसपास है. इस प्रयास के लिए मधुबनी को राज्य में 22 वां स्थान प्राप्त हुआ है. मनरेगा के तहत अधिक-से-अधिक मानव दिवस सृजित किये जा रहे हैं. ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपने गांव में ही रोजगार मिल सके. मनरेगा के डीपीओ अशोक कुमार राय ने कहा कि मनरेगा योजनाओं का क्रियान्वयन और बेहतर तरीके से हो, ताकि ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित किया जा सके. गांव के विकास में बहुआयामी योजनाओं का समावेश मनरेगा के अंतर्गत न केवल रोजगार बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इनमें रोजगार के साथ-साथ आवास, पेयजल, महिला सशक्तिकरण, सिंचाई, सड़क निर्माण और पौधरोपण जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की समग्र प्रगति और लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है. वैसे भी सरकार ने मनरेगा को ग्रामीण विकास का महत्वपूर्ण साधन बना दिया है. इससे गांवों में न केवल लोगों को रोजगार मिल रहा है बल्कि गांवों का ढांचा भी सशक्त हो रहा है. रोजगार के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता और सशक्तिकरण की दिशा में हुए प्रयासों से गांव विकास के साथ समृद्ध भी हो रहा है.
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