उदय कुमार भारती, हिसुआ
लोकतंत्र सत्ता की सबसे बेहतर व्यवस्था है, क्योंकि यह बगैर खून बहाये सत्ता का परिवर्तन सुनिश्चित करता है. उक्त बातें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को हिसुआ के टीएस कॉलेज में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कहीं. राज्यपाल ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है. ग्रीक में रोमन स्टेट का भी अस्तित्व नहीं हुआ था, तब से बिहार के वैशाली और आसपास के क्षेत्रों में व दक्षिण भारत में लोकतंत्र था. शासक कौन होगा, उसका निर्णय जनता करती थी. पहले हिंसा, खून और तलवार के बल पर शासन कायम होता था. लेकिन, इसके स्थान पर गणतंत्र को दोषरहित और सबसे बेहतर माना गया है.भारत की सभ्यता-संस्कृति और संस्कार को किया रेखांकित :टीएस कॉलेज में दो दिवसीय द इंडियन पॉलिटी विषय पर आयोजित ए क्रिटिकल अप्रैजल अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल पहुंचे थे. कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग और आऊक्यूएसी के तत्वावधान में संगोष्ठी हुई. राज्यपाल ने कहा कि शासक और शासन का धर्म है कि वो हर प्रकार के लोगों को समान रूप से संरक्षण प्रदान करें. प्रशासक को यह देखना नहीं है कि जनता किस पृष्ठभूमि का है. उन्हें समस्या को समझना और कानूनी तौर पर उसका समाधान निकालना उनका धर्म है. उन्होंने महाभारत, वेद, मर्यादा पुरुषोत्म राम के कई संदर्भों से भारत की सभ्यता-संस्कृति और संस्कार को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि जाति न पूछो साधु की.
महात्वाकांक्षाओं को पूरा करने में मर्यादा का उल्लंघन नहीं होनी चाहिए:राज्यपाल ने कहा कि केसरिया त्याग का रंग है. यह त्याग का प्रतीक है. यह भ्रांतियां फैलायी गयी है कि केसरिया रंग हिंदू का और हरा रंग मुसलमान का है. महात्वाकांक्षा बुरी नहीं, लेकिन वह आदर्श के प्रेरित होनी चाहिए. महात्वाकांक्षाओं को पूरा करने में मर्यादा का उल्लंघन नहीं होनी चाहिए. सत्ता का दुरूपयोग नहीं हो, क्योंकि मालिक मैं नहीं हूं, सत्ता के मालिक तो जनता है कि उन्होंने पांच साल के लिए यह मुझे अधिकार दिया है कि उनके हित में इसका प्रयोग करूं. उन्होंने महाभारत के संदर्भ धर्म को कर्म के साथ जोड़कर परिभाषित किया. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी, शिक्षा और ब्रह्मचर्य का धर्म का पालन करता है. धर्म धारण करने की चीज है और हर क्षेत्र से जुड़े लोग उस धर्म अर्थात कर्तव्य का पालन करता है. दबंगता, षोषण और अत्याचार को छोड़कर जो समाज है, वहीं सभ्य समाज है. भारतीय संस्कृति केवल आत्मा से बंधन को मानती है. पहलगाम की घटना को राज्यपाल ने दुखद बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए प्रभावी कार्रवाई की उम्मीद जतायी.
जनप्रतिनिधियों ने उठायी एमयू की शाखा खोलने की मांगविधायक नीतू कुमारी की मांग हिसुआ टीएस कॉलेज में मगध विश्वविद्यालय की एक शाखा खोली जाए. इस पर राज्यपाल ने कहा कि मुझे कोई घोषणा नहीं करना है. लेकिन, मुझे विश्वास है कि जहां नीतू कुमारी जैसी सजग जनप्रतिनिधि हो, वहां इसे कोई रोक नहीं सकता. एमएलसी अशोक यादव ने भी कार्यालय खोलने की मांग की. उन दोनों ने पूर्व में इस मांग को विधानसभा और विधान परिषद में भी उठाने की बात कही. नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार एक प्रयोगशाला है, जहां राज्य निर्माण का शोध होता है और लगभग सभी प्रयोग सफल हुए हैं. धन्यवाद ज्ञापन एमयू के रजिस्टार डॉ विपीन कुमार ने किया. प्रभावपूर्ण पंक्तियों से मंच संचालन एसयू की प्रधापिका दीप शिखा पांडेय ने किया. प्राचार्य पवन कुमार शर्मा सहित मंच पर उपस्थित लोगों ने अतिथियों को बूके, शॉल, प्रतीक चिह्न आदि देकर सम्मानित किया. मौके पर कॉलेज की स्मारिका का लोकार्पण किया गया.कुलपति ने गिनाये विश्वविद्यालय की वर्तमान उपलब्धियांसंगोष्ठी के संरक्षक और अध्यक्षता कर रहे मगध विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रो डॉ एसपी शाही ने मगध विश्वविद्यालय के उनके कार्यकाल में हुए उपलब्धियों को गिनवाया. उन्होंने कहा कि जब ढाई साल पहले मैं विश्वविद्यालय में आया तब से 110 लंबित परीक्षाओं को करवाया. नौ साल से एमयू का ऐनुअल रिपोर्ट सबमिट नहीं हुआ था. हमलोगों ने नये शिक्षकों के सहयोग से ऐनुअल रिपोर्ट नैक को जमा करवाया. विश्वास है कि हम नेशनल ग्रेडिंग को प्राप्त करेंगे. कक्षाएं नहीं होती थीं, बच्चे रोकर जाते थे. हमने 90 फीसदी डीग्रियों को देने का काम किया है. सौ फीसदी पेंशन को अपडेट कर दिया है, हम कोशिश करते हैं कि कैंपस से कोई बच्चा रोते हुए नहीं जाए. 225 से अधिक सेमिनार हुए हैं. बिहार के अन्य विश्वविद्यालय हमारी बराबरी में नहीं जा सकता. राज्यसभा के उपसभापति के सहयोग से आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई के लिए 30 करोड़ की राशि प्राप्त होने जा रहा है. 30 हजार स्कायर फुट में एमएसएमइ डिपार्टमेंट में एक सेक्टर एमयू में खोलने की पहल हुई है, जो स्कील डेवलपमेंट में मिल का पत्थर साबित होगा.
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