Samastipur News:समस्तीपुर : सरकारी विद्यालयों के शिक्षक अब चुनाव या आपातकालीन परिस्थितियों में ही गैर शैक्षणिक कार्य करेंगे. इसके अलावा अगर उन्हें किसी परिस्थितियों में गैर शैक्षणिक कार्य के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो इसकी सीधी जवाबदेही जिला शिक्षा पदाधिकारी की होगी. शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव ने इसको लेकर डीएम को पत्र जारी कर इसे लागू कराने का जिम्मा दिया था. लेकिन समस्तीपुर में जिन्हें जवाबदेही दी गयी थी वे ही करीब दो दर्जन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति गृहरक्षकों के स्वच्छ नामांकन के लिए शारीरिक दक्षता सक्षमता जांच परीक्षा को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए कर दी है. बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत इसे हर हाल में लागू करना है. कई जिलों से सूचनाएं प्राप्त हो रही थी कि स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों द्वारा या अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति स्थानीय स्तर पर की जाती है तो यह देखते हुए निर्णय लिया गया था. बताया जाता है कि विभाग के पूर्वानुमति के बिना किसी भी प्रकार की प्रतिनियुक्ति वर्जित कर दी गयी है. अगर कहीं प्रतिनियुक्ति मिलती है तो उक्त अवधि का भुगतान शिक्षा विभाग का दायित्व नहीं होगा. वहीं प्रतिनियुक्ति अधिकारी भुगतान के देनदार होंगे. उस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी. शिक्षा विभाग के एसीएस तक शिकायत की गयी है. विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में क्या कार्रवाई की जाती है, इस पर भी नजरे टिकी हुई है. बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 27 में इसका उल्लेख किया गया है कि कोई भी शिक्षक दस वर्षीय जनगणना, आपदा व विधान मंडल, संसद व स्थानीय निकाय के चुनाव को छोड़ अन्य किसी भी गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए प्रतिनियुक्ति नहीं किये जा सकते हैं. टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष संजीत भारती ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का सख्त आदेश के बावजूद व शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीइ एक्ट) का उल्लंघन करते हुए जिले में शिक्षकों के प्रतिनियोजन का खेल लगातार जारी है. जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने ही विभागीय दिशा-निर्देश का उल्लंघन कर रहे. तत्कालीन प्रधान सचिव ने अपने पत्राचार में यह भी उल्लेख किया था कि इस बाबत भारत सरकार से भी पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि चुनाव संबंधी कार्य यथा प्रशिक्षण, चुनाव सामग्रियों की प्राप्ति, मतदान एवं मतगणना से संबंधित कार्य शिक्षण के लिए निर्धारित कार्य दिवसों अथवा समयावधियों में किये जा सकते हैं, लेकिन मतदाता सूची के निर्माण अथवा पुनरीक्षण का कार्य गैर शैक्षणिक कार्य दिवस, अवकाश व छुट्टी के दिन में ही कराया जाये. मतलब यह कि मतदाता सूची से संबंधित किसी भी कार्य का प्रभाव शिक्षक के शैक्षणिक गतिविधियों पर न पड़े. प्रतिनियुक्ति के जारी खेल पर शिक्षक संगठनों ने भी खेद जताया है.
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