नहरों में मरम्मती कार्य को लेकर 15 दिन विलंब,
5.97 लाख हेक्टेयर भूमि को कृषि के लिए किया गया है विकसित
451842 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई करने का है लक्ष्य
447979 हेक्टेयर भूमि में पिछले वर्ष की गयी थी सिंचाई
तारिक महमूद, डेहरी
जल संसाधन विभाग मुख्य अभियंता कार्यालय डेहरी परिक्षेत्र के अंतर्गत इंद्रपुरी बराज से नहरों में खरीफ फसल को लेकर 15 जून से पानी छोड़ा जायेगा. पहले विभाग से एक जून से पानी छोड़ने की कवायद की जा रही थी. लेकिन, टेल एंड तक पानी पहुंचने को लेकर कई जगह हो रहे मरम्मत कार्य के कारण पानी छोड़ने में 15 दिन का विलंब होगा. 25 मई से रोहणी नक्षत्र की शुरुआत हो रही है. ऐसे में किसानों को बिचड़ा डालने में परेशानी हो सकती है.मिली जानकारी के अनुसार, नहरों में कई जगह हो रहे मरम्मत कार्य के कारण होने वाले विलंब को देखते हुए जल संसाधन विभाग डेहरी की ओर से पानी छोड़ने को लेकर वरीय अधिकारियों से 15 दिन का एक्सटेंशन मांगा गया था. बताया जाता है कि जल संसाधन विभाग डेहरी के मुख्य अभियंता एक्सटेंशन कराने को लेकर पटना गये हुए थे. उनके द्वारा एक्सटेंशन को लेकर किये गये अनुरोध को विभाग ने मान लिया है. इसके बाद विभाग से 15 जून से खरीफ फसल को लेकर पानी छोड़े जाने को लेकर तैयारी की जा रही है. 15 दिनों के मिले एक्सटेंशन के बाद मुख्य अभियंता डेहरी द्वारा अपने अधीन संबंधित सभी अधिकारियों को हर हाल में 15 जून से पहले तक नहरों के मरम्मत कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
कई वर्षों बाद 15 दिन के विलंब से खरीफ के लिए छोड़ा जायेगा पानी:बताया जाता है कि कई वर्षों बाद 15 दिनों के विलंब से खरीफ को लेकर इंद्रपुरी बराज से नहरों में पानी छोड़ा जायेगा. इसके पहले इंद्रपुरी बराज से प्रत्येक वर्ष खरीफ को लेकर 25 मई से एक जून के बीच पानी छोड़ा जाता था. लेकिन, इस बार पानी छोड़ने में 15 दिनों के विलंब से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
विभाग ने लक्ष्य किया निर्धारित:जल संसाधन विभाग डेहरी की ओर से लक्ष्य का निर्धारण कर लिया गया है. लक्ष्य निर्धारण कर अभियंता प्रमुख पटना को भेज दिया गया है. वर्ष 2025 में सिंचाई विभाग से कुल 714526.10 हेक्टेयर भूमि में से 597303.25 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए विकसित किया है. सिंचाई के लिए विकसित भूमि में से इस वर्ष 451842 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई करने का लक्ष्य जल संसाधन विभाग डेहरी की ओर से निर्धारित कर विभाग को भेजा गया है. बताया जाता है कि अभियंता प्रमुख भेजे गये निर्धारित लक्ष्य में वृद्धि कर सकते हैं. मालूम हो कि पिछले वर्ष 2024 में जल संसाधन विभाग से 449820 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इस दौरान 99.59 प्रतिशत यानि 447979.70 हेक्टेयर भूमि में संचित की गयी थी.
इंद्रपुरी बराज से निकलीं हैं मुख्य तीन नहरें
बताया जाता है कि इंद्रपुरी बराज से मुख्य तीन नहरें निकली हैं. इसमे आरा नहर की लंबाई 84.5 किलोमीटर, गारा चौबे नहर की लंबाई 61 किलोमीटर और बक्सर नहर की लंबाई 69.86 किलोमीटर है. विभाग द्वारा मुख्य-मुख्य नहरों के साथ सहायक नहरों के टेल एंड तक पानी पहुंचाने को लेकर कार्रवाई की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में इंद्रपुरी बराज में जल स्तर 355 फीट है. जो वर्तमान के लिए काफी है. लेकिन, पानी छोड़े जाने के बाद आवश्यकता पड़ने पर रिंहद और वाणसागर से पानी की मांग की जा सकती है.
देरी से पानी मिलने पर बिचड़ा डालने में होगी परेशानी
कृषि वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार ने बताया कि 25 मई से रोहणी नक्षत्र की शुरुआत हो जायेगी. रोहणी नक्षत्र के साथ ही किसान बिचड़ा डालना शुरू कर देते हैं. ऐसे में विलंब से नहरों में पानी छोड़े जाने की स्थिति में बिचड़ा पर असर पड़ेगा. किसानों को बिचड़े के लिए नहरों को छोड़ वैकल्पिक व्यवस्था करना पड़ेगा. तब जाकर बिचड़ा सही समय पर तैयार होगा.कहते है अधिकारी:::
कार्यपालक अभियंता आयोजन व मॉनीटरिंग प्रमंडल डेहरी भारती रानी ने बताया कि मरम्मत को लेकर नहरों में 15 जून से पानी छोड़ा जायेगा. बताया कि सिंचाई के लिए लक्ष्य निर्धारित कर विभाग को भेज दिया गया है. बताया कि मुख्य नहरों समेत सहायक नहरों के टेल एंड तक पानी पहुंचाने की कार्रवाई की जा रही है.बराज पर 355 फुट पानी मेंटेन, अतिरिक्त पानी को किया जा रहा डिस्चार्ज
इंद्रपुरी़ इंद्रपुरी बराज पर पानी का लेवल 355 फुट मेंटेन है. बराज से नीचे सोननदी में 2669 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज जा रहा है. सिंचाई सृजन जल संसाधन विभाग डेहरी के मुख्य अभियंता अजय कुमार सिंह ने बताया कि नहर खोलने का समय आ गया है. हर खेत तक पानी पहुंचाने में व सिंचाई में कोई कमी नहीं आयेगी. क्षेत्रीय अभियंताओं को निर्देशित कर दिया गया है कि अपने स्थल का भलीभांति जांच कर लेंगे. नहरों में अंतिम छोर तक जल प्रवाहित करना सुनिश्चित करेंगे. बराज के डाउनस्ट्रीम में करीब 2669 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है. अभी बराज में पानी का लेवल मेंटेन है, जितना पानी बराज पर आ रहा है. उतना बराज से नीचे सोन नद में छोड़ा जा रहा है. बराज में पानी का लेवल 355 फुट है. बराज के 69 गेट में दो गेट खोला गया है. समय पर पानी उपलब्ध कराने का पूरा ध्यान रखा जायेगा.बराज से पानी छोड़ने के बाद खेतों तक पहुंचने में होगी परेशानी
कोचस. 25 मई से रोहिणी नक्षत्र के आगमन के साथ किसान खरीफ फसल के लिए बिचड़े डालने का कार्य शुरू कर देते हैं. लेकिन, इस बार नहरों की साफ-सफाई नहीं होने से खेतों तक पानी पहुंचाने में किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. इससे हजारों एकड़ खरीफ फसलों की सिंचाई प्रभावित हो सकती है. करगहर राजवाहा से जुड़े राजेन्द्र तिवारी, संतोष तिवारी, कमलाकांत पाण्डेय, सुरेश सिंह, कामेश्वर यादव, रामनारायण पासवान आदि किसानों का कहना है कि सरकार एक तरफ जहां ग्रामीण इलाकों में फसलों की सिंचाई के लिए अंतिम छोर तक पानी उपलब्ध कराने में जुटी हुई है. वहीं, दूसरी तरफ सिंचाई विभाग के अधिकारी कागजी घोड़ा दौड़ाने में लगे हुए हैं. किसानों के अनुसार एक दशक पहले सिंचाई विभाग के द्वारा अप्रैल महीने के पहले सप्ताह से मई महीने के दूसरे सप्ताह तक नहरों की साफ-सफाई और तटबंधों के मरम्मती का कार्य पूरा कर लिया जाता था. लेकिन, इस बार विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण न तो राजवाहा की साफ-सफाई की गयी और न ही तटबंधों का मरम्मत कार्य पूरा किया गया. इससे नहरों में उगे अवांछित पौधे,खर-पतवार और कूड़े-कचरे से राजवाहा का अस्तित्व खतरे में है. किसानों ने बताया कि पिछले कई सालों से राजवाहा की साफ-सफाई नहीं की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है