Holika Dahan Aarti | Shri Narsingh Aarti: नृसिंह भगवान की पूजा- अर्चना का विधान होलिका दहन से पूर्व किया जाता है. इसके पश्चात नृसिंह भगवान का चालीसा और आरती का आयोजन किया जाता है, ऐसा मानना है. जो व्यक्ति पूर्ण विधि- विधान से नृसिंह भगवान की पूजा करता है, उसे अज्ञात भय से छुटकारा मिलता है. आइए, नृसिंह भगवान की आरती के बारे में जानते हैं.
होलिका दहन 2025 पर इस विशेष चालीसा का पाठ करें और पाएं हर संकट से मुक्ति
नरसिंह भगवान की आरती
ओम जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे.
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥
ओम जय नरसिंह हरे
तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी.
अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥
ओम जय नरसिंह हरे
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी, प्रभु दुस्यु जियो मारी.
दास जान आपनायो, दास जान आपनायो, जनपर कृपा करी॥
ओम जय नरसिंह हरे
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे, प्रभु माला पहिनावे.
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे॥
ओम जय नरसिंह हरे
बुराई पर अच्छाई की जीत, जानें होली पर होलिका दहन का धार्मिक और पौराणिक महत्व
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में होलिका दहन को प्रदोष काल में अत्यंत शुभ माना जाता है. हालांकि, 13 मार्च 2025 को रात 11 बजकर 29 मिनट तक भद्रा का प्रभाव रहेगा. भद्राकाल के दौरान होलिका दहन करना वर्जित है. इसलिए, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च को रात 11 बजकर 29 मिनट पर भद्रा के समाप्त होने के साथ प्रारंभ होगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि 11 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 01 बजकर 04 मिनट तक रहेगा.