Chaiti Chhath Puja: बिहारशरीफ जिले में सूर्योपासना का काफी पुराना इतिहास रहा है. इसीलिए यहां प्राचीन काल से ही बड़गांव तथा औगारी धाम जैसे दो महत्वपूर्ण सूर्य धाम मौजूद हैं. इन स्थलों पर विभिन्न जिलों तथा राज्यों के बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर वर्ष छठ व्रत करने के लिए सपरिवार आते हैं. यहां के लोगों में छठ व्रत के प्रति काफी आस्था है. सूर्य उपासना का महा पर्व छठ वर्ष में दो बार मनाये जाते हैं. कार्तिक महीने में शारदीय छठ व्रत जब की चैत्र महीने में बासंतिक छठ व्रत मनाने की परंपरा रही है. इस वर्ष छठ व्रत की शुरुआत 01 अप्रैल दिन मंगलवार को नहाय-खाय की रस्म के साथ शुरू होने जा रही है. 02 अप्रैल दिन बुधवार को लोहंडा जबकि तीन अप्रैल दिन गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा. इसी प्रकार 04 अप्रैल दिन शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा.
भगवान भास्कर की अराधना से होती है मनोवांछित फल की प्राप्ति
भगवान सूर्य को साक्षात देवता माना गया है. हमारे विभिन्न पौराणिक ग्रंथों मार्तंड पुराण, स्कंद पुराण तथा भविष्य पुराण आदि में सूर्योपासना का विस्तृत विवरण है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्य की आराधना से मनुष्य को हर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. उदीयमान सूर्य हमें हमेशा आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं, तथा अमन चैन का जीवन जीने का संदेश देते हैं. भारतीय परंपरा आध्यात्मिक दृष्टिकोण, ज्योतिष, खगोलीय भाव तथा वैदिक दृष्टिकोण से भी सूर्य की महिमा अपरंपार है. भगवान श्री कृष्ण ने भी भगवान सूर्य की उपासना की काफी प्रशंसा की थी . सूर्योपासना से मनुष्य को आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है तथा उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
छठव्रत का महत्व
भगवान भास्कर तीनों लोकों के अधिष्ठाता व प्रत्यक्ष देवता माने जाते हैं. भगवान भास्कर की प्रथम रश्मि के दर्शन से सम्पूर्ण जीवों का कल्याण होता है. सूर्य की ज्योति की अनन्त सत्ता के प्रभाव से समस्त जीव प्रभावित होते हैं. सूर्योंपनिषद के अनुसार इन्ही से सम्पूर्ण प्राणियों की उत्पति, पालन एवं विलय भी उन्ही में होता है. सम्पूर्ण विश्व को जो अपने कर्म में प्रवृत कराता है, वह सूर्य है. देश में कुल 12 प्रसिद्ध सूर्य धाम है. इनमें नालंदा जिले का बड़गांव सूर्य धाम भी शामिल है. यहां भगवान श्री कृष्ण के पौत्र राजा साम्ब ने छठ व्रत किया था.
छठ व्रत की तैयारी शुरू
चैती छठ का आयोजन जिन घरों में किया जाता है, वहां व्रत की तैयारी शुरू कर दी गई है. इन घरों में व्रत से संबंधित सभी आवश्यक सामग्रियां जुटाई जा रही है. छठ व्रतियों के द्वारा पूरी आस्था के साथ छठ व्रत में उपयोग होने वाले चूल्हे, बर्तन, जलावन, प्रसाद आदि की तैयारी की जा रही हैं. छठ व्रतियों के घरों में अभी से ही छठ गीत की शुरुआत हो गई है. लोग अपने नाते रिश्तेदारों को भी छठ व्रत पर आमंत्रित कर रहे हैं. दूसरी ओर जिला प्रशासन के द्वारा भी शहर के चिन्हित छठ घाटों पर साफ सफाई, बेरीकेटिंग तथा सुरक्षा आदि की बंदोबस्त की जा रही है. इसी प्रकार बड़गांव तथा औगारी सूर्य धाम पर छठ व्रत करने वाले लोग भी तैयारी में जुट गए हैं.
छठव्रत का कार्यक्रम
छठव्रत तारीख | दिन | कार्यक्रम |
01 अप्रैल | मंगलवार | नहाय-खाय |
O2 अप्रैल | बुधवार | लोहंडा |
03 अप्रैल | गुरुवार | अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य |
04 अप्रैल | शुक्रवार | उदीयमान सूर्य को अर्घ्य तथा पारण |
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