Abhimanyu Easwaran: साल 1960. गुरुदत्त के डायरेक्शन में बॉलीवुड की क्लासिक फिल्म चौदहवीं का चांद पर्दे पर आई. गाने को कलम दिया था शकील बदायूंनी और शब्दों को आवाज दी थी महान मोहम्मद रफी ने. ये ऐसी लाइन थी जो सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि सुंदरता, चाहत और अधूरी ख्वाहिशों के दर्शाती है. जैसे पूर्णमासी की रात का चांद आसमान में सबसे चमकीला होता है, वैसे ही कुछ चेहरे, कुछ प्रतिभाएं अपने समय का इंतजार करती हैं, दूर से सबको रोशन करते हुए, मगर खुद धरती पर उतरने से चूकते हुए. लेकिन अभिमन्यु ईश्वरन जिस चौदहवीं का चांद हैं, ऐसा लगता है वह अमावस्या का है. भारतीय घरेलू क्रिकेट का वही चौदहवीं का चांद अभिमन्यु, पूरा होने को बेताब है. वर्षों से भारतीय टेस्ट टीम के दरवाजे के सामने खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे इस खिलाड़ी ने शांति, संयम और सादगी के साथ खुद को साबित किया है, पर वह अब भी मैदान पर तो है लेकिन टीम के बाहर.
103 फर्स्ट क्लास मैचों में 27 शतक और 7841 रन, ईश्वरन का रिकॉर्ड उस धैर्य रखे हुए चांद की तरह है, जो हर मैच में पूर्णता की ओर बढ़ता है, मगर कोई न कोई राह रोक लेता है. टीम इंडिया में जब-जब कोई दरार बनी, उम्मीदों की किरण दिखी, हर बार कोई और नाम पहले चमक गया. कभी यशस्वी जायसवाल, कभी ईशान किशन तो कभी साई सुदर्शन. ईश्वरन का सफर उस गजल की तरह है, जिसमें हर शेर दर्द से भीगा हो, मगर लफ्जों में शिकायत नहीं. सिर्फ इंतजार उस पल का जब उन्हें भी भारत की टेस्ट कैप रूपी धरती पर उतरने का सौभाग्य मिले. कभी-कभी क्रिकेट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं होता, यह तकदीर और टाइमिंग का इम्तिहान भी होता है. अभिमन्यु, अपने पूरे संयम और समर्पण के साथ, इस इम्तिहान में खड़े हैं- बिल्कुल चौदहवीं के चांद की तरह चुपचाप.
अभिमन्यु ईश्वरन के इंतजार की घड़ी जारी, IND vs ENG चौथे टेस्ट में फिर नजरअंदाज
इतनी भूमिका इसलिए बनी है, क्योंकि अभिमन्यु ईश्वरन का भारत के लिए डेब्यू करने का इंतजार अब भी खत्म नहीं हुआ है. इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के लिए एक बार फिर उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. बंगाल के इस बल्लेबाज को करुण नायर की जगह मैनचेस्टर टेस्ट में मौका मिलने की संभावना थी, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने साई सुदर्शन पर भरोसा जताया. शुभमन गिल और गौतम गंभीर की जोड़ी ने एक बार फिर साई सुदर्शन को टीम में शामिल किया, जिससे ईश्वरन को एक बार फिर ड्रिंक्स लेकर लौटना पड़ा. साई सुदर्शन को पहले टेस्ट के बाद बाहर कर दिया गया था, लेकिन करुण नायर के लगातार खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें वापसी का मौका मिला. आईपीएल 2025 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले साई सुदर्शन को एक बार फिर ईश्वरन पर तरजीह दी गई, जबकि ईश्वरन घरेलू क्रिकेट में शीर्ष क्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज माने जाते हैं.
2021 से टीम के आसपास लेकिन डेब्यू अब भी दूर
29 वर्षीय अभिमन्यु ईश्वरन बंगाल के लिए ओपनिंग करते हैं और इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ अभ्यास मैचों में इंडिया ए के लिए नंबर 3 पर बल्लेबाजी कर चुके हैं. वह 2021 से भारतीय टीम के आसपास बने हुए हैं, लेकिन अब तक उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया है. इस बीच भारतीय टीम के बल्लेबाजी क्रम में काफी बदलाव हुए हैं, लेकिन ईश्वरन को अब तक एक भी मौका नहीं मिला. हैरानी की बात यह है कि ईश्वरन के पहली बार टेस्ट टीम में चुने जाने के बाद से अब तक भारत ने 15 खिलाड़ियों को टेस्ट कैप दे दी है. इस दौरान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, जबकि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को टीम से बाहर कर दिया गया है.
ईश्वरन के बाद भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले खिलाड़ी
- केएस भरत और सूर्यकुमार यादव – बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 का पहला टेस्ट, नागपुर (फरवरी 2023)
- यशस्वी जायसवाल और ईशान किशन – वेस्टइंडीज के खिलाफ, रोसो (12 जुलाई 2023)
- मुकेश कुमार – वेस्टइंडीज के खिलाफ, पोर्ट ऑफ स्पेन (20 जुलाई 2023)
- प्रसिद्ध कृष्णा – साउथ अफ्रीका के खिलाफ, सेंचुरियन (26 दिसंबर 2023)
- रजत पाटीदार – इंग्लैंड के खिलाफ, विशाखापत्तनम (2 फरवरी 2024)
- सरफराज खान और ध्रुव जुरेल – इंग्लैंड के खिलाफ, राजकोट (15 फरवरी 2024)
- आकाश दीप – इंग्लैंड के खिलाफ, रांची (23 फरवरी 2024)
- देवदत्त पडिक्कल – इंग्लैंड के खिलाफ, धर्मशाला (7 मार्च 2024)
- नितीश कुमार रेड्डी और हर्षित राणा – ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, पर्थ (22 नवंबर 2024)
- साई सुदर्शन – इंग्लैंड के खिलाफ, लीड्स (20 जून 2025)
- अंशुल काम्बोज – इंग्लैंड के खिलाफ, मैनचेस्टर (23 जुलाई 2025)
भारतीय स्क्वॉड में तीन साल पहले ही मिला था मौका
9 साल की उम्र में क्रिकेट की शुरुआत करने वाले अभिमन्यु ईश्वरन को दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए पहली बार भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया था. उन्हें चोटिल रोहित शर्मा की जगह टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें उस सीरीज में कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिला. भारत ने वह सीरीज केएल राहुल की कप्तानी में 2-0 से जीती थी. ईश्वरन की पहली टेस्ट कॉल-अप के बाद से अब तक 15 खिलाड़ी भारत के लिए टेस्ट डेब्यू कर चुके हैं. इनमें ताजा नाम अंशुल कंबोज का है, जिन्होंने बुधवार (23 जुलाई) को मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. लेकिन ईश्वरन का इंतजार अब भी जारी है.
ईश्वरन से पहले डेब्यू कर चुके हैं कई खिलाड़ी
यशस्वी जायसवाल को रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग का मौका मिला, जबकि केएल राहुल को भी दो बार टॉप ऑर्डर में वापसी का मौका दिया गया. इस दौरान ईश्वरन बेंच पर ही बैठे रहे. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले सरफराज खान, ऋतुराज गायकवाड़, देवदत्त पडिक्कल और रजत पाटीदार जैसे खिलाड़ियों को भी डेब्यू मिल चुका है. यहां तक कि विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल और ऑलराउंडर नितीश रेड्डी को भी मौके मिल चुके हैं. अब जब यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ओपनर के रूप में सेट हो चुके हैं, ऐसे में ईश्वरन के लिए मौके और भी सीमित हो सकते हैं. मैनचेस्टर में साई सुदर्शन के पास खुद को साबित करने का सुनहरा मौका है, लेकिन ईश्वरन के लिए यह एक और सीरीज किनारे बैठे हुए देखने जैसी बन गई है.
घरेलू क्रिकेट का अनुभवी बल्लेबाज
बंगाल से आने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज अभिमन्यु ने अब तक कुल 103 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 27 शतक व 31 अर्धशतकों की मदद से कुल 7841 रन बनाए हैं. अभिमन्यु ने 48.7 की औसत और 54.12 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. उनका 233 रन का हाईएस्ट स्कोर भी किसी से कम नहीं है. लेकिन शायद इतना काफी नहीं है.
अभिमन्यु का आखिरी प्रतिस्पर्धी मैच इंडिया ए की ओर से इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ नॉर्थम्पटन में 6 से 9 जून के बीच खेला गया था, जिसमें उन्होंने 11 और 80 रन की पारियां खेली थीं. ईश्वरन को रोहित शर्मा के बाद भारत का अगला टेस्ट ओपनर माना जा रहा था, लेकिन 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद यशस्वी जायसवाल का शानदार प्रदर्शन और केएल राहुल की अच्छी फॉर्म ने बहुत कुछ बदल दिया. इस सबके बीच, अभिमन्यु ईश्वरन अब भी अपनी पहली टेस्ट कैप का इंतजार कर रहे हैं, एक ऐसा सपना जो उनके करीब आकर भी हर बार दूर हो जाता है.
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