Andre Russell: वेस्टइंडीज क्रिकेट के सबसे विस्फोटक और ताकतवर ऑलराउंडर्स में से एक, आंद्रे रसेल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. 37 वर्षीय रसेल ने अपने करियर के अंतिम दो अंतरराष्ट्रीय मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के पहले दो मुकाबलों के रूप में खेले, जो उनके होम ग्राउंड सबीना पार्क, जमैका में हुए. हालांकि, इन मुकाबलों में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा, लेकिन उनके बल्ले से निकले दमदार शॉट्स एक बार फिर यादगार बन गए.
Andre Russell का आखिरी मैच
कैरेबियन खिलाड़ी आंद्रे रसेल ने इंटरनेशनल क्रिकेट को विदा कह दिया है. उन्होंने अपने आखिरी मैच में 15 बॉल खेली. इस दौरान एक आखिरी बार मैच में रसेल पॉवर देखने को मिली. इस मैच में आद्रे रसेल के बल्ले से 36 रन आए जिसमें दो चौके और 4 तूफानी छक्के शामिल थे. वहीं, पहले टी20 में रसेल ने आठ रन बनाए थे और गेंदबाजी में दो ओवर में 37 रन लुटाए थे.
रसेल का अंतरराष्ट्रीय करियर
प्रारूप | मैच | रन | स्ट्राइक रेट | विकेट | औसत | सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी | सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी |
---|---|---|---|---|---|---|---|
टेस्ट | 1 | 2 | – | 1 | – | 2 रन | 1/104 |
वनडे | 56 | 1034 | 130.23 | 70 | 31.84 | 92* (नाबाद) | 4/35 |
टी20I | 86 | 1122 | 163.80 | 64 | – | 71 | 3/19 |
रसेल 2019 के बाद से सिर्फ टी20 अंतरराष्ट्रीय ही खेल रहे थे. उन्होंने दो बार (2012 और 2016) वेस्टइंडीज को टी20 विश्व कप जिताने वाली टीम में अहम भूमिका निभाई थी.
वनडे में एक अनूठा रिकॉर्ड
साल 2011 में भारत के खिलाफ नॉर्थ साउंड (एंटीगुआ) में हुए वनडे मैच में रसेल ने नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 64 गेंदों में नाबाद 92 रन बनाए. उनकी इस विस्फोटक पारी में:
- 8 चौके और
- 5 छक्के शामिल थे,
- स्ट्राइक रेट: 143.75
यह स्कोर वनडे इतिहास में नौवें या उससे निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है. इस रिकॉर्ड के बाद दूसरे स्थान पर रवि रामपॉल हैं, जिन्होंने 2011 में विशाखापत्तनम में भारत के खिलाफ 10वें नंबर पर नाबाद 86 रन बनाए थे.
इस रिकॉर्ड की खास बात ये है कि आमतौर पर निचले क्रम के बल्लेबाजों को लंबे समय तक बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलता, और इतने बड़े स्कोर बनाना दुर्लभ होता है. यही कारण है कि रसेल का यह रिकॉर्ड शायद ही जल्दी टूटे.
रसेल की भावनात्मक विदाई
रसेल ने संन्यास के बाद कहा “वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन की सबसे गौरवपूर्ण उपलब्धियों में से एक है. जब मैं बच्चा था, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतने ऊंचे स्तर पर पहुंचूंगा. लेकिन जब आप खेल से प्यार करते हैं, तो आप खुद को बेहतर बनाना चाहते हैं… मैं चाहता था कि मैं ‘मरून’ रंग में अपनी छाप छोड़ूं और अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनूं.”
उन्होंने आगे कहा “मुझे घर पर अपने परिवार और दोस्तों के सामने खेलना हमेशा पसंद था. मैं चाहता था कि मेरा करियर एक सकारात्मक संदेश के साथ समाप्त हो अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनकर.”
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