IND vs ENG Test Series Earning: भारतीय टीम का शुभमन गिल की अगुवाई में इंग्लैंड दौरा अब आखिरी पड़ाव पर है. सीरीज के चार मैचों के बाद भारत अभी इंग्लैंड से 1-2 से पीछे है. द ओवल में पांचवें टेस्ट मैच में भारत इस समय जीत के लिए जोरदार संघर्ष कर रहा है ताकि सीरीज को बराबरी पर ला सके. टीम इंडिया ने शुरुआत में इस दौरे पर 18 सदस्यीय खिलाड़ियों की घोषणा की थी, जिसमें से तीन ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने सभी पांचों शहर का दौरा किया, लेकिन प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह नहीं बन पाई. अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव और अभिमन्यु ईश्वरन को देखकर ऐसा लग रहा है मानो वे इंग्लैंड पेड हॉलीडे पर आए हों. लंबे समय से टेस्ट टीम का हिस्सा रहते हुए भी दोनों को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल पा रही है, लेकिन खास बात यह है कि बिना खेले भी उनके बैंक अकाउंट लगातार मोटे होते जा रहे हैं.
टीम के ये तीनों खिलाड़ी ऐसे हैं, जो मैच के साथ-साथ अपनी कमाई पर भी नजर रखे हुए हैं. भारत में टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए बीसीसीआई ने विशेष भुगतान ढांचा तय किया है. जो खिलाड़ी एक सीजन में 50 से 75 प्रतिशत टेस्ट में खेलते हैं, उन्हें 45 लाख रुपये मिलते हैं. यानी हर मैच के लिए 30 लाख रुपये और 15 लाख रुपये मैच फीस मिलती है.
वहीं, जो खिलाड़ी इतने मैचों में सिर्फ स्क्वाड में रहते हैं लेकिन मैदान पर नहीं उतरते, उन्हें प्रति मैच 15 लाख रुपये अलग से दिए जाते हैं. इस हिसाब से अर्शदीप, कुलदीप और ईश्वरन ने इंग्लैंड दौरे पर बिना खेले ही लगभग एक करोड़ रुपये कमा लिए. बीसीसीआई ने 2024 में ‘टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम’ शुरू की थी, जिससे खिलाड़ियों को अतिरिक्त आमदनी का मौका मिलता है और टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने का प्रयास होता है. (Earning of Arhshdeep Singh
वहीं, जो खिलाड़ी इतने मैचों में सिर्फ स्क्वाड में रहते हैं लेकिन मैदान पर नहीं उतरते, उन्हें प्रति मैच 15 लाख रुपये अलग से दिए जाते हैं. इस हिसाब से अर्शदीप, कुलदीप और ईश्वरन ने इंग्लैंड दौरे पर बिना खेले ही लगभग एक करोड़ रुपये कमा लिए. बीसीसीआई ने 2024 में ‘टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम’ शुरू की थी, जिससे खिलाड़ियों को अतिरिक्त आमदनी का मौका मिलता है और टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने का प्रयास होता है. (Earning of Arhshdeep Singh, Abhimanyu Easwaran and Kuldeep Yadav without playing a match in IND vs ENG Test Series)
क्या है ‘टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम’?
‘टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम’ के तहत प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को अतिरिक्त फायदा मिलता है. अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन में खेले गए 75% या उससे ज्यादा टेस्ट मैचों में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनता है, तो उसे मैच फीस के अलावा हर मैच के लिए 45 लाख रुपये और मिलते हैं. वहीं अगर खिलाड़ी 75% मैचों में टीम के साथ तो रहता है, लेकिन खेलने का मौका नहीं मिलता, तो उसे प्रति मैच 22.5 लाख रुपये अलग से दिए जाते हैं.
अगर कोई खिलाड़ी सीजन में 50% से 75% टेस्ट मैचों में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होता है, तो उसे 15 लाख मैच फीस के अलावा प्रति मैच 30 लाख रुपये मिलते हैं. वहीं इस प्रतिशत में आने वाले ऐसे खिलाड़ी, जो स्क्वाड में रहते हैं लेकिन खेलते नहीं, उन्हें हर मैच के लिए 15 लाख रुपये दिए जाते हैं. यानी खिलाड़ी लगातार सीरीज खेलने से बैंक बैलेंस में करोड़ों रुपये जोड़ सकते हैं. लेकिन अगर खेलने का मौका न मिले तो भी उनका बैंक बैलेंस बढ़ता रहेगा.
खिलाड़ियों को हो रहा फायदा
इस योजना से खिलाड़ियों को न सिर्फ आर्थिक फायदा हो रहा है बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भागीदारी को भी बढ़ावा मिल रहा है. बीसीसीआई की कोशिश है कि लंबे प्रारूप के क्रिकेट में खिलाड़ियों की रुचि बनी रहे और उन्हें खेलने या कम से कम स्क्वाड का हिस्सा बनने के लिए भी अच्छा-खासा आर्थिक प्रोत्साहन मिले. भारतीय क्रिकेट टीम हर साल आमतौर पर 10 से ज्यादा टेस्ट मैच खेलती है. पिछले साल टीम इंडिया ने 15 टेस्ट मैच खेले थे, जबकि 2025 में अब तक 6 टेस्ट मैच हो चुके हैं और अक्टूबर में वेस्टइंडीज के साथ दो टेस्ट मैच और खेलने हैं. इस वजह से इंग्लैंड दौरे जैसे मौकों पर भी, भले कुछ खिलाड़ी मैदान पर न उतरें, लेकिन उनकी जेब में लाखों रुपये आना तय हो जाता है. टीम इंडिया के लिए खेलने वाला हर खिलाड़ी साल में कम से कम 1 करोड़ रुपये तो कमा ही लेता है.
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