Dilip Doshi Passes Away: पूर्व भारतीय बाएं हाथ के स्पिनर दिलीप दोशी का सोमवार को लंदन में 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. दिलीप दोशी की मृत्यु दिल की समस्याओं के कारण हुई. वह कई दशकों से लंदन में रह रहे थे. बाएं हाथ के गेंदबाजी एक्शन के साथ दिलीप दोशी ने 1979 में बिशन सिंह बेदी के संन्यास के बाद टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया. 1983 तक उन्होंने कुल 33 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 114 विकेट चटकाए. उनकी गेंदबाजी उपलब्धियों में छह बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी शामिल है. भारतीय क्रिकेट के दिग्गज के निधन पर बीसीसीआई, सचिन तेंदुलकर और रवि शास्त्री समेत कई खिलाड़ियों ने शोक व्यक्त किया.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “BCCI पूर्व भारतीय स्पिनर दिलीप दोशी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है, जिनका लंदन में निधन हो गया. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.” वहीं सचिन तेंदुलकर ने “मैंने दिलीप भाई से पहली बार 1990 में इंग्लैंड दौरे पर मुलाकात की थी, और उन्होंने मुझे नेट्स में गेंदबाजी की थी. उन्हें मुझसे बहुत स्नेह था और मैं भी उनके उसी भाव को साझा करता था. दिलीप भाई जैसे गर्मजोशी से भरे इंसान की बहुत कमी खलेगी. हमारी वो क्रिकेट की बातें अब बहुत याद आएंगी, जो हम अक्सर किया करते थे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे. ॐ शांति.”
I met Dilipbhai for the first time in the UK in 1990, and he bowled to me in the nets on that tour. He was really fond of me, and I reciprocated his feelings. A warm-hearted soul like Dilipbhai will be deeply missed. I will miss those cricketing conversations which we invariably… pic.twitter.com/2UPQe7nc2j
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) June 23, 2025
दिलीप दोशी का क्रिकेट करियर
दिलीप दोशी ने वनडे क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया और 15 मुकाबलों में 22 विकेट अपने नाम किए, जहां उनका इकॉनमी रेट 3.96 रहा. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सौराष्ट्र, बंगाल, वारविकशायर और नॉटिंघमशायर का प्रतिनिधित्व किया और 238 मैचों में 26.58 की औसत से 898 विकेट झटके. दोषी ने 1970 के दशक की प्रसिद्ध स्पिन चौकड़ी के बाद भारतीय टीम में जगह बनाई और 32 वर्ष की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया.
अपने शुरुआती वर्षों में वह खासकर घरेलू सरजमीं पर बेहद प्रभावशाली रहे और केवल 28 टेस्ट मैचों में 100 विकेट हासिल किए. उनकी सबसे यादगार प्रदर्शन 1981 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर देखने को मिली, जब उन्होंने टूटी हुई अंगुली के साथ गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट झटके और भारत को एक मामूली लक्ष्य का बचाव करने में मदद की.

इंग्लैंड काउंटी क्रिकेट में दोषी एक बड़ा नाम रहे
इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में दोषी एक बड़ा नाम रहे. उन्होंने नॉटिंघमशायर और वारविकशायर के लिए एक दशक से भी अधिक समय तक काउंटी क्रिकेट खेला. नॉटिंघमशायर में खेलते हुए उन्हें वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी सर गैरी सोबर्स से काफी मार्गदर्शन मिला. उन्होंने 1980 के दशक में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से चुपचाप विदाई ली और बाद में अपनी आत्मकथा स्पिन पंच (Spin Punch) में अपने क्रिकेट करियर की यादें साझा कीं.
रवि शास्त्री और कुंबले ने जताया दुख
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच रवि शास्त्री ने एक्स पर लिखा, “दिलीप दोशी के निधन की खबर सुनकर बेहद दुख हुआ. हमेशा सलीकेदार, बेहद सज्जन और एक शानदार गेंदबाज. उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.” पूर्व कप्तान और स्पिनर अनिल कुंबले ने भी शोक जताते हुए लिखा, “दिलीप भाई के निधन की खबर बेहद दुखद है. ईश्वर उनके परिवार और मित्रों को इस दुःख को सहने की शक्ति दे. नयन, तुम्हारे साथ मेरी पूरी संवेदनाएं हैं.”

संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट को ज्यादा योगदान नहीं दे पाए
दिलीप दोशी की सबसे यादगार उपलब्धियों में से एक 1981 के मेलबर्न टेस्ट में पांच विकेट लेना रहा, जिसकी बदौलत भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. क्रिकेट से संन्यास के बाद दोषी लंदन में बस गए और व्यवसाय में सफल करियर बनाया. वे अपने समय के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाजों के लिए एक बड़ी चुनौती थे. साथी खिलाड़ी और विरोधी दोनों ही उनकी प्रतिभा का सम्मान करते थे. हालांकि उनके पास अपार अनुभव था, इसके बावजूद भारतीय क्रिकेट में उन्हें कोचिंग या मेंटॉर की भूमिका में बहुत कम अवसर दिए गए.
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