Divya Deshmukh: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को फिडे महिला शतरंज विश्व कप विजेता दिव्या देशमुख को सम्मानित किया और उन्हें 3 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया. 19 वर्षीय देशमुख, 28 जुलाई को जॉर्जिया के बटुमी में आयोजित महिला विश्व कप का खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं. उन्होंने फाइनल के टाई-ब्रेकर में हमवतन कोनेरू हम्पी को हराया. इस जीत ने न केवल उन्हें यह प्रतिष्ठित खिताब दिलाया, बल्कि उन्हें ग्रैंडमास्टर का खिताब भी दिलाया. देशमुख नागपुर से हैं, जो मुख्यमंत्री फडणवीस का भी शहर है. Young Grandmaster gets gift of crores CM Fadnavis opens treasury
मुख्यमंत्री ने दिया 3 करोड़ रुपये का चेक
शहर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ग्रैंडमास्टर ने इस सम्मान के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस और नागपुर के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने बताया कि ऐसे पल जिंदगी में कम ही आते हैं और आगे कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत ही खास पल है. मुझे बहुत खुशी है कि मैं उनकी (बच्चों की) प्रेरणा और प्रोत्साहन का एक छोटा सा हिस्सा बन पाई. मुझे बहुत खुशी हो रही है.’ उन्होंने महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र शतरंज संघ को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
फडणवीस ने सहयोग का दिया आश्वासन
इस अवसर पर बोलते हुए फडणवीस ने एक भारतीय, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और नागपुर के मूल निवासी के रूप में गर्व व्यक्त किया कि एक स्थानीय लड़की ने विश्व मंच पर देश को गौरवान्वित किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के बच्चों को प्रेरित करने के लिए देशमुख का सार्वजनिक सम्मान समारोह आयोजित किया. फडणवीस ने इस बात पर प्रकाश डाला कि महाराष्ट्र सरकार ने हमेशा खेलों को प्राथमिकता दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने देशमुख को नकद पुरस्कार के रूप में 3 करोड़ रुपये का चेक सौंपा और भविष्य में उनके प्रयासों में सहयोग का आश्वासन दिया.
खेल मंत्री ने भी किया सम्मानित
केंद्रीय खेल मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने भी शनिवार को नई दिल्ली में दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी को सम्मानित किया. भारतीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या और अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू ने हाल ही में जॉर्जिया के बटुमी में संपन्न हुए टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया. डॉ मंडाविया ने दिव्या देशमुख को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया, जो देश की 88वीं ग्रैंडमास्टर और ग्रैंडमास्टर बनने वाली चौथी भारतीय महिला भी बनीं. केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा, ‘आप जैसे ग्रैंडमास्टर नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे. ज्यादा से ज्यादा युवा खेलों में, खासकर शतरंज जैसे मानसिक खेल में रुचि लेंगे. शतरंज को दुनिया को भारत की एक देन माना जा सकता है और यह प्राचीन काल से खेला जाता रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप दोनों से प्रेरणा लेकर भारत की कई बेटियां दुनिया में आगे बढ़ेंगी.’
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