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बिहार के आशुतोष अमन का रिकॉर्ड तोड़ हर्ष दुबे ने रचा इतिहास, रणजी ट्रॉफी में हासिल किया ये बड़ा मुकाम

Ranji Trophy Final: रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैंच में विदर्भ के हर्ष दुबे ने कमाल कर दिया है. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में गेंदबाजी में अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. Harsh Dubey Record Bowling.

Ranji Trophy: विदर्भ के बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. 22 वर्षीय इस गेंदबाज ने केरल के खिलाफ फाइनल मैच के दौरान एक ही सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड तोड़ दिया. नागपुर के जामथा स्थित वीसीए स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में दुबे ने दूसरी पारी में अपने तीसरे विकेट के साथ यह उपलब्धि हासिल की. दुबे ने बिहार के आशुतोष अमन का 2018-19 सीजन में बनाए गए 68 विकेट का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 69* विकेट चटकाए. अमन के विकेट प्लेट ग्रुप में आए थे, जबकि दुबे के सभी विकेट रणजी ट्रॉफी के शीर्ष स्तरीय एलीट ग्रुप की टीमों के खिलाफ रहे. उनकी इस शानदार गेंदबाजी ने विदर्भ को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. Kerala vs Vidarbha.

सेमीफाइनल मुकाबले में दुबे का प्रदर्शन लाजवाब रहा, जहां उन्होंने इस सीजन का सातवां पांच विकेट हॉल (5 विकेट लेने का कारनामा) हासिल किया. यह रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप के गेंदबाजों में एक सीजन में संयुक्त रूप से सबसे अधिक पांच विकेट हॉल का रिकॉर्ड है. उनके निरंतर प्रदर्शन ने उन्हें रणजी ट्रॉफी के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों की सूची में शामिल कर दिया, जिसमें जयदेव उनादकट (67 विकेट), बिशन सिंह बेदी (64 विकेट), कंवलजीत सिंह (62 विकेट) और डोडा गणेश (62 विकेट) जैसे दिग्गज शामिल हैं. Harsh Dubey.

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रणजी ट्रॉफी में एक सीजन में सर्वाधिक विकेट

  1. 69 – हर्ष दुबे (विदर्भ, 2024/25)*
  2. 68 – आशुतोष अमन (बिहार, 2018/19)
  3. 67 – जयदेव उनादकट (सौराष्ट्र, 2019/20)
  4. 64 – बिशन सिंह बेदी (दिल्ली, 1974/75)
  5. 62 – डोडा गणेश (कर्नाटक, 1998/99)

गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन

दुबे ने न केवल गेंद से बल्कि बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने इस सीजन में 17 पारियों में 472 रन बनाए, जिसमें पांच अर्धशतक शामिल हैं. यह उन्हें रणजी ट्रॉफी के उन दुर्लभ ऑलराउंडरों की सूची में शामिल करता है, जिन्होंने एक ही सीजन में 450+ रन और 50+ विकेट हासिल किए हैं. इससे पहले केवल सुनील जोशी (1995-96), गुरिंदर सिंह (2018-19) और आर. संजय यादव (2019-20) ही यह उपलब्धि हासिल कर सके हैं.

दुबे का संघर्ष और सफलता की कहानी

अपनी उपलब्धियों के बावजूद, हर्ष दुबे का क्रिकेट में सफर आसान नहीं रहा. इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि वह बचपन में गलती से क्रिकेट अकादमी पहुंच गए थे, जब उनके पिता उन्हें स्कूल की किताबें खरीदने ले जा रहे थे. बाद में, उन्होंने चेन्नई की TNCA फर्स्ट-डिवीजन लीग में खेलकर अपने कौशल को निखारा. यहां धीमी टर्नर और सपाट पिचों पर खेलने से उनकी गेंदबाजी में और धार आई. इसके अलावा, उन्हें भारतीय दिग्गज आर अश्विन के साथ बातचीत से काफी फायदा हुआ, जिससे उनकी तकनीक में और निखार आया. हालांकि, सितंबर 2024 में दलीप ट्रॉफी के लिए उन्हें चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया था. लेकिन इस रणजी ट्रॉफी सीजन में अपने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के साथ उन्होंने खुद को भारत की सबसे होनहार स्पिन प्रतिभाओं में से एक के रूप में स्थापित कर लिया है.

रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच का हाल

वहीं रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच (Ranji Trophy Final) की बात करें तो मैच के तीसरे दिन केरल के कप्तान सचिन बेबी (98) शतक से मात्र दो रन दूर रह गए, जबकि अनुभवी आदित्य सरवटे ने 185 गेंदों में 79 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली. इसके बावजूद, विदर्भ के गेंदबाजों ने संयम बनाए रखते हुए केरल की पहली पारी को 342 रन पर समेट दिया. इससे पहले विदर्भ ने पहली पारी में 379 रन बनाए थे, जिससे उसे 37 रन की बढ़त मिली.

यह एक निर्णायक बढ़त है, अगर यह मैच ड्रॉ होता है, तो ऐसी स्थिति में विदर्भ को विजेता घोषित कर दिया जाएगा. केरल को सेमीफाइनल में गुजरात के खिलाफ इसी का फायदा मिला था, जब उसे पहली पारी में हेलमेट के कमाल की वजह से 2 रन की लीड की मिली थी. आज 1 मार्च को फाइनल का चौथा दिन होगा और विदर्भ के पास पूरा दिन बैटिंग करके पारी को लंबा खींचने का प्रयास होगा.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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