IND vs ENG, Shubhman Gill: क्रिकेट इतिहास में कुछ सीरीज ऐसी होती हैं जो न केवल स्कोरबोर्ड पर, बल्कि खिलाड़ियों की मानसिक और शारीरिक दृढ़ता की परीक्षा भी लेती हैं. हाल ही में संपन्न हुई यह टेस्ट सीरीज ऐसी ही एक यादगार टक्कर रही, जिसमें दोनों टीमों ने हर दिन, हर सेशन में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया. खासकर चौथे और पांचवें दिन का खेल ऐसा रहा जब कोई नहीं जानता था कि अंत में विजेता कौन होगा. कप्तानों की रणनीति, गेंदबाजों की धार और बल्लेबाजों की निरंतरता ने इस सीरीज को एक क्लासिक मुकाबले में बदल दिया.
भारत और इंग्लैंड के चल रही पांच टेस्ट मैच की एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज अब 2-2 की बराबरी के साथ समाप्त हुई. टीम इंडिया ने ओवल के निर्णायक टेस्ट मैच में जीत हासिल कर इस सीरीज को बराबरी पर रोका. भारत ने आखिरी टेस्ट मैच को 6 रन से जीतकर अपने नाम किया.
IND vs ENG: गेंदबाजों का जुनून
जीत के बाद कप्तान शुभमन गिल ने बड़ी विनम्रता से अपनी टीम के गेंदबाजों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि जब आपके पास मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाज होते हैं, तो कप्तानी करना आसान लगने लगता है.कप्तान शुभमन गिल ने सिराज के बारे में विशेष रूप से कहा कि “वह एक कप्तान का सपना है, हर स्पैल में 100% देने वाला खिलाड़ी, पांच टेस्ट मैचों में भी हर गेंद पर वही जोश दिखाया, जो किसी युवा खिलाड़ी के शुरुआती दिनों में दिखता है.”
आगे गिल ने कहा गेंदबाजों की बात करें तो, मैच के निर्णायक क्षणों में उनकी भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण रही. आखिरी दिन जब मैच संतुलन में झूल रहा था, तब गेंद की हरकतें जो स्विंग कर रही थीं, सीम मूवमेंट दिखा रही थीं ने बल्लेबाजों को भारी दबाव में ला दिया. कप्तान ने यह भी साझा किया कि उन्होंने विरोधी टीम को पूरे समय दबाव में रखने की योजना बनाई थी, क्योंकि दबाव में खिलाड़ी अक्सर वही गलती करते हैं जो वो करना नहीं चाहते.
बल्लेबाजी में निरंतरता और मानसिक मजबूती
सीरीज के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज शुभमन गिल ने अपनी सफलता का श्रेय तकनीकी और मानसिक तैयारी को दिया. उन्होंने बताया कि सीरीज से पहले उन्होंने विशेष मेहनत की थी और उनका स्पष्ट लक्ष्य “प्लेयर ऑफ द सीरीज” बनना था. उनके अनुसार, एक बल्लेबाज के लिए तकनीकी और मानसिक तैयारी दोनों जरूरी होती हैं. जब आप तकनीकी रूप से संतुलित होते हैं, तो मानसिक रूप से भी स्थिर रहते हैं.
यह संतुलन मैदान पर साफ दिखाई दिया. कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने धैर्य और एकाग्रता नहीं खोई, और टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया. ये प्रदर्शन सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं थी, बल्कि टीम को प्रेरणा देने वाला भी रहा.
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