IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज अपने अंतिम चरण में हैं. इस सीरीज के पांच मैचों में से चार मैच पूरे हो चुके हैं और इंग्लैंड अभी सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाए हुए है. सीरीज का आखिरी मैच ओवल के मैदान पर खेला जाएगा, जहां भारत को सीरीज बराबर करने के लिए मैच को जीतना जरूरी है. लेकिन इस मैच से पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर को लेकर बड़ा बयान दे दिया है, इस बयान के साथ ही कई बड़े सवाल भी उठने लगे हैं और चर्चाएं भी गर्म हो गई हैं.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और जानकार संजय मांजरेकर ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर की रणनीतिक फैसलों पर टिप्पणी की है. मांजरेकर का मानना है कि गंभीर को अपनी रणनीति में सुधार करने के साथ-साथ थोड़ी शांति बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गंभीर के कुछ रणनीतिक निर्णय सही नहीं रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में सम्मानजनक ड्रॉ हासिल किया. मांजरेकर ने यह भी साफ किया कि खिलाड़ियों की मेहनत और संघर्ष की वजह से टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया है, खासकर पिछले कुछ मुकाबलों में मिली हार के बाद. इस बयान के साथ ही मांजरेकर ने गंभीर की कप्तानी और चयन नीति पर भी सवाल उठाए, जो क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है.
IND vs ENG: गंभीर की रणनीति की आलोचना
संजय मांजरेकर ने कहा कि भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के कुछ रणनीतिक फैसले, खासकर चयन को लेकर, सही दिशा में नहीं दिखते. उन्होंने कहा कि गंभीर ने लाल गेंद के प्रारूप में रणनीतिक रूप से सही निर्णय नहीं लिए हैं, जिससे टीम की रणनीति प्रभावित हुई है. मांजरेकर ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के बाद कहा, “मुझे लगता है कि गंभीर के कुछ फैसलों के बावजूद भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है.” इसके साथ ही उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत ने हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में 0-3 से हार और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी खराब प्रदर्शन किया था. इन हारों के बावजूद टीम के खिलाड़ियों ने संघर्ष दिखाया है, जो उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता का परिचायक है.

मांजरेकर ने गंभीर को यह सुझाव भी दिया कि वह अधिक शांत रहें और अपने निर्णयों को लेकर आलोचना को बेहतर तरीके से समझें. उन्होंने कहा कि गंभीर को विरोधाभासी राय को केवल आलोचना के रूप में नहीं लेना चाहिए, बल्कि इसे टीम सुधार का हिस्सा मानकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. मांजरेकर ने कप्तान शुभमन गिल के आलोचकों को भी चुनौती दी, जो गिल की प्रतिभा पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गिल में क्षमता है और उसे समय देना चाहिए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता पाने में समय लगता है.
चयन नीति पर मांजरेकर का तंज
मांजरेकर ने गंभीर द्वारा कप्तान शुभमन गिल की क्षमता पर जताए गए विश्वास का समर्थन करते हुए कहा कि गिल ने इस दौरे पर जो प्रदर्शन किया है, उससे कोई भी आश्चर्यचकित नहीं है. गंभीर ने गिल की प्रतिभा पर सवाल उठाने वालों को क्रिकेट की समझ की कमी वाला बताया था. हालांकि, मांजरेकर ने इसके साथ-साथ यह भी कहा कि गिल को लेकर उठाए जा रहे सवाल जायज हैं, क्योंकि वह अभी एक युवा कप्तान और बल्लेबाज हैं और उन्हें अभी और सीखने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “यहां तक कि क्रिकेट को गहराई से समझने वाले भी सोच रहे हैं कि क्या यह सही समय था गिल को कप्तानी का मौका देने का. मुझे उम्मीद है कि हम सब इसे बेहतर समझ पाएंगे.”
इसके अलावा, मांजरेकर ने गंभीर के उस बयान को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि करुण नायर को खराब प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर नहीं किया गया, बल्कि सिर्फ बेस्ट11 खिलाड़ियों का चयन किया गया. मांजरेकर ने साफ किया, “अगर किसी खिलाड़ी को टीम में शामिल नहीं किया जाता है, तो वह बाहर किया गया होता है, इसे घुमाने-फिराने की जरूरत नहीं है.” यह बयान टीम चयन की पारदर्शिता और गंभीर की चयन नीति पर उठ रहे सवालों की तरफ इशारा करता है.
ये भी पढे…
‘तुमने आने वाली पीढ़ियों को इंस्पायर किया’, इस खिलाड़ी की तारीफ में बिछ गए गौतम गंभीर
भारतीय क्रिकेट इतिहास में हुआ पहली बार, चार बल्लेबाजों ने मिलकर बनाए इतने सारे रन