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8 साल बाद मिला मौका, लगातार 6 पारियों में नाकामी; करुण नायर के लिए बढ़ी मुश्किलें

IND vs ENG: भारतीय टीम ने एक सीनियर बल्लेबाज को आठ साल के बाद टेस्ट टीम में मौका दिया, लेकिन वह खुद का साबित करने में नाकाम रहा. हम बात कर रहे हैं करुण नायर की. नायर ने अब तक छह पारियों में केवल 131 रन बनाए हैं और सभी पारियों में नाकाम रहे हैँ. उनके ये आंकड़े उन्हें एक बार फिर क्रिकेट से दूर ले जा सकते हैं. अब ऐसा भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि चौथे टेस्ट में उन्हें मौका नहीं दिया जाएगा.

IND vs ENG: टीम इंडिया के सीनियर बल्लेबाज करुण नायर को दोबारा भारत की जर्सी पहनने के लिए आठ साल का लंबा इंतजार करना पड़ा, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अपनी दूसरी पारी के 25 दिनों के अंदर कर्नाटक के इस बल्लेबाज के लिए इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में लगातार छह विफलताओं के बाद टीम में जगह बरकरार रखना शायद मुश्किल होगा. घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले नायर ने कैंटरबरी में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भारत ए के लिए दोहरा शतक लगाकर इस दौरे की शानदार शुरुआत की थी. उन्होंने इस प्रदर्शन से अंतिम एकादश में जगह के लिए अपना दावा मजबूत किया था. Got a chance after 8 years failed in 6 consecutive innings problems increased for Karun Nair

तीन मैच की 6 पारियों में नायर ने बनाए केवल 131 रन

इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले, एजबेस्टन और लॉर्ड्स में तीन टेस्ट मैचों के बाद नायर ने 22 से कम के औसत से केवल 131 रन बनाए हैं. गौतम गंभीर के नेतृत्व वाले टीम प्रबंधन के लिए इन आंकड़ों को नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल होगा. लीड्स में अपने पदार्पण टेस्ट की पहली पारी में नाकाम रहने वाले साई सुदर्शन ने दूसरी पारी में 30 रन बनाये और इस दौरान काफी सहज दिखे. टीम ने हालांकि नायर के साथ आगे बढ़ने को तरजीह दिया क्योंकि उनकी उम्र 34 के करीब है तो वही युवा बल्लेबाज सुदर्शन के पास खुद को साबित करने के लिए अभी काफी समय है.

नायर के लिए करो या मरो वाली स्थिति

नायर के लिए यह करो या मरो वाली स्थिति थी. गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के पास भी उन्हें पर्याप्त मौके देने के पीछे बहुत तर्क था. ऐसा भी नहीं है कि नायर तीनों मैचों में पूरी तरह से बेअसर दिखे. उन्होंने इस दौरान कुल 249 गेंदों का सामना किया लेकिन बेहतरीन तेज गेंदबाजी और स्विंग के सामने वह असहज दिखे. क्रिस वोक्स की 130 किलोमीटर प्रति घंटे के आस-पास की रफ्तार के खिलाफ उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन ब्रायडन कार्स या जोफ्रा आर्चर की अधिक तेज गति के सामने वह थोड़े असहज दिख रहे थे.

रणजी कोच ने नायर पर दिखाया भरोसा

भारत के पूर्व चयनकर्ता एवं दिल्ली रणजी टीम के पूर्व कोच देवांग गांधी ने उनके खेल का विश्लेषण करते हुए ‘पीटीआई’ से कहा, ‘वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन अचानक उसकी एकाग्रता भंग हो जा रही है. लीड्स में खेले गये पहले टेस्ट की शुरुआती पारी को छोड़ दे तो उसने हर पारी में कम से कम 30 गेंदों का सामना किया है. इसका यह मतलब है कि वह काफी मेहनत कर रहा है लेकिन यह परिणाम में नहीं बदल रहा है.’ गांधी ने कहा, ‘नायर गेंद पर प्रतिक्रिया देने में थोड़ी देर कर रहे हैं. आप अगर बारीकी से देखें तो जब गेंदबाज गेंद छोड़ने वाला होता है तो उनका अगला पैर हवा में होता है और इसका मतलब यह है कि वह बैकफुट पर जाना चाहते हैं. इससे वह गेंद पर प्रतिक्रिया देने में देर कर रहे हैं.’

चौथे टेस्ट में नायर की जगह सुदर्शन को मिलेगा मौका

उन्होंने कहा, ‘इस तकनीक के साथ वह वोक्स की गति से सामंजस्य बिठा सकते हैं लेकिन आर्चर, कार्स और यहां तक की स्टोक्स की गति का सामना करते समय वह परेशानी में दिख रहे हैं.’ गांधी ने कहा कि करियर के इस पड़ाव पर उन्हें थोड़ी जल्दी प्रतिक्रिया देनी होगी या गेंदबाजों की गति के हिसाब से प्रतिक्रिया देने को तय करना होगा. इस उम्र में हालांकि यह बदलाव करना मुश्किल है. भारत 23 जुलाई से ओल्ड ट्रैफर्ड में अगला टेस्ट खेलेगा और टीम प्रबंधन के पास नायर को एक और मौका देने को लेकर फैसला करने का काफी समय होगा. गांधी और भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता दोनों का मानना है कि अब सुदर्शन को मौका देने का समय आ गया है.

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AmleshNandan Sinha
AmleshNandan Sinha
अमलेश नंदन सिन्हा प्रभात खबर डिजिटल में वरिष्ठ खेल पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव है. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद से इन्होंने कई समाचार पत्रों के साथ काम किया. इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत रांची एक्सप्रेस से की, जो अपने समय में झारखंड के विश्वसनीय अखबारों में से एक था. एक दशक से ज्यादा समय से ये डिजिटल के लिए काम कर रहे हैं. खेल की खबरों के अलावा, समसामयिक विषयों के बारे में भी लिखने में रुचि रखते हैं. विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा के बारे में देखना, पढ़ना और नई जानकारियां प्राप्त करना इन्हें पसंद है.

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