IND vs ENG: 16 साल के बच्चे जैसे चेहरे वाले सचिन तेंदुलकर के पाकिस्तान में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने से एक साल पहले, उन्हें पहली बार अंतरराष्ट्रीय दौरे का स्वाद तब मिला जब 1988 में वे स्टार क्रिकेट क्लब टीम के लिए एक युवा भारतीय टीम के हिस्से के रूप में इंग्लैंड गए, जिसमें सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ी भी थे. यह तेंदुलकर के इंग्लैंड के साथ लंबे जुड़ाव की शुरुआत थी. उन्होंने अगस्त 1990 में मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया, 17 साल और 107 दिन की उम्र में टेस्ट शतक लगाने वाले वे दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 32 मैचों में सात टेस्ट शतक दर्ज किए, जिसमें 51.73 की औसत से 2535 रन बनाए. इस बीच, वे एक सदी पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए यॉर्कशायर के लिए खेलने वाले पहले गैर-अंग्रेजी क्रिकेटर बने. How to deal with England fast bowlers Sachin gave special advice to Gill and company
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के नाम से जाना जाएगा भारत-इंग्लैंड सीरीज
सचिन के संन्यास के 12 साल बाद, बीसीसीआई और ईसीबी ने तेंदुलकर के इंग्लैंड के साथ जुड़ाव को अमर बनाने के लिए भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज का नाम उनके और इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के नाम पर रखने का फैसला किया. पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रखने का फैसला किया गया. तेंदुलकर ने रेवस्पोर्ट्स से कहा, ‘हर तरह से मैं आभारी हूं कि ट्रॉफी का नाम जिमी एंडरसन के नाम पर रखा गया, जो इंग्लैंड और मेरे लिए खेलने वाले महानतम खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. हालांकि, मैं फिर दोहराता हूं कि मैं अपने वरिष्ठों के प्रति कभी अनादर नहीं दिखाऊंगा और इसीलिए मैंने पटौदी परिवार से बात की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पटौदी का नाम भी इस सीरीज का हिस्सा बना रहे.’
Two cricketing icons. One special recognition 🤝
— BCCI (@BCCI) June 19, 2025
The legendary Sachin Tendulkar and James Anderson pose alongside the new 𝘼𝙣𝙙𝙚𝙧𝙨𝙤𝙣-𝙏𝙚𝙣𝙙𝙪𝙡𝙠𝙖𝙧 𝙏𝙧𝙤𝙥𝙝𝙮 🏆#TeamIndia | #ENGvIND | @sachin_rt | @jimmy9 pic.twitter.com/4lDCFTud21
टीम इंडिया को खेलेगी रोहित-कोहली की कमी
भारत विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन के बिना खेलेगा, तीनों ने इस साल संन्यास ले लिया है. यह तब हुआ जब चयनकर्ताओं ने अनुभवी अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा से आगे देखने का फैसला किया. नये कप्तान शुभमन गिल , जिनका विदेशों में कोई रिकॉर्ड नहीं है, वे कठिन अंग्रेजी परिस्थितियों में इस अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप का नेतृत्व करने के लिए ध्वजवाहक होंगे, जहां मौसम पिच से ज्यादा चाल चलता है. हेडिंग्ले में पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर तेंदुलकर ने अपने विचार साझा किए कि गिल, केएल राहुल और ऋषभ पंत को इंग्लिश परिस्थितियों में किस तरह बल्लेबाजी करनी चाहिए.
तेंदुलकर ने 3 चीजों का ध्यान रखने को कहा
तेंदुलकर ने कहा, ‘इंग्लैंड में खेलते समय आप हमेशा तीन चीजों को ध्यान में रखते हैं. सबसे पहले, ओवरहेड कंडीशन. दूसरा, हवा की गुणवत्ता और तीसरा पिच की स्थिति. इनमें से प्रत्येक कारक इस बात को प्रभावित करता है कि आपको कैसे खेलना चाहिए. खेल के ऐसे चरण होंगे जब आपको शॉट खेलना बहुत मुश्किल लगेगा. इसलिए आपको सावधान रहने और ऐसे चरणों की पहचान करने की आवश्यकता है. गेंदों को छोड़ना रक्षात्मक कार्य नहीं है. बल्कि, यह सही तरीके से गेंदों को छोड़ने और सही समय तक खेलने की इच्छा का प्रदर्शन भी है. फिर जब सूरज निकलता है तो बल्लेबाजी के लिए एक सुंदर ट्रैक होता है जहां बल्लेबाज बहुत सारे रन बना सकते हैं. यही वह समय होता है जब आप सकारात्मक और आक्रामक होते हैं.
लीड्स के पिच से किसे मिलेगी मदद?
लीड्स में इस समय मौसम शुष्क है. तापमान सामान्य से अधिक है, जिसका मतलब है कि अपेक्षाकृत सूखी सतह पर बल्लेबाजों के अधिक रन बनाने की संभावना अधिक है. तेंदुलकर ने कहा, ‘लीड्स में इस समय बहुत गर्मी है और मुझे पूरा भरोसा है कि ग्राउंड स्टाफ पिच को उसी हिसाब से तैयार करेगा. वे घास रखेंगे और आगे बल्लेबाजी करना चुनौतीपूर्ण होगा. इंग्लैंड में हमेशा ऐसा होता है. लेकिन तब आपको दिमाग में सकारात्मक बने रहने और धैर्य रखने की जरूरत होती है. चुनौती को स्वीकार करें और मैदान पर डटे रहें. आपको पता होना चाहिए कि आपका समय आएगा और परिस्थितियां अनुकूल होंगी. टेस्ट क्रिकेट इसी के बारे में है. टेस्ट क्रिकेट में हमेशा चुनौतियां रहेंगी और अच्छी टीमों और अच्छे खिलाड़ियों को इन चुनौतियों से निपटने और उन्हें पार करने की जरूरत है.’
जब दिग्गज क्रिकेटर से पूछा गया कि वह शुभमन गिल की अगुआई वाली युवा भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप को क्या सलाह देना चाहेंगे, तो तेंदुलकर ने कहा कि सकारात्मक रहें. उन्होंने कहा, ‘मेरी सलाह है कि सकारात्मक रहें और चुनौती का सामना करें और जब मैं कहता हूं कि सकारात्मक रहें तो कभी-कभी रक्षात्मक होना भी सकारात्मक रहना है. उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां आप रन बना सकते हैं और स्थिति और परिस्थिति के अनुसार खेलें. इसी तरह आप इंग्लैंड में सफल होते हैं.’
ये भी पढ़ें…
Womens T20 World Cup 2026: 14 जून को भारत-पाकिस्तान के बीच होगा महामुकाबला, देखें शेड्यूल
भारत का दुश्मन, 325 रन 20 विकेट… इंग्लैंड टीम में लौटा सबसे बड़ा धुरंधर