IND vs ENG, 4th Test: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान में खेला जा रहा है. इस मैच में इंग्लैंड की टीम में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला. चोटिल ऑफ स्पिनर शोएब बशीर की जगह टीम में अनुभवी ऑलराउंडर लियाम डॉसन की वापसी हुई, जिन्होंने आठ साल बाद इंग्लैंड की टेस्ट प्लेइंग इलेवन में जगह बनाई. डॉसन ने अपने कमबैक मैच में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारतीय युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को आउट कर एक महत्वपूर्ण सफलता दिलाई. यह विकेट उनके टेस्ट करियर का पहला विकेट था 2924 दिनों के बाद.
IND vs ENG: 8 साल बाद वापसी, यशस्वी का विकेट
लियाम डॉसन ने आखिरी बार 2017 में भारत के खिलाफ ही टेस्ट मैच खेला था. इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और वह लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय टीम से दूर रहे. हालांकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया और आखिरकार इंग्लैंड बोर्ड को उन्हें दोबारा टीम में शामिल करना पड़ा. 2924 दिनों बाद जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाज़ी की, तो उनका पहला शिकार बने भारत के प्रतिभाशाली सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल.
जायसवाल इस सीरीज में शानदार फॉर्म में हैं और उनसे एक बार फिर बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही थी. उन्होंने इस मैच में भी अच्छी शुरुआत की और अर्धशतक जमाया, लेकिन डॉसन की गेंद पर गलती कर बैठे और 107 गेंदों में 58 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. अपनी इस पारी में उन्होंने 10 चौके और 1 छक्का लगाया. यह विकेट डॉसन के लिए भावनात्मक रूप से खास था, क्योंकि यह उनकी वापसी का प्रतीक बन गया.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड
लियाम डॉसन ने इंग्लैंड की घरेलू क्रिकेट में खुद को बार-बार साबित किया है. उन्होंने अब तक 212 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 341 पारियों में बल्लेबाज़ी करते हुए 35.29 के औसत से 10,731 रन बनाए हैं. उनके नाम 18 शतक और 56 अर्धशतक दर्ज हैं. यह दिखाता है कि वह केवल गेंदबाज़ ही नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद बल्लेबाज भी हैं जो जरूरत पड़ने पर टीम को संकट से उबार सकते हैं.
बॉलिंग की बात करें तो डॉसन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 273 पारियों में 371 विकेट झटके हैं. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एक पारी में 7 विकेट लेकर 51 रन देना रहा है. खास बात यह है कि उन्होंने 2017 के बाद से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 26.60 के औसत से 194 विकेट हासिल किए हैं, जो कि उनके निरंतर प्रदर्शन का प्रमाण है.
इंग्लैंड की मौजूदा टेस्ट टीम में अनुभवी स्पिन विकल्पों की कमी रही है. शोएब बशीर के चोटिल होने के बाद डॉसन जैसे अनुभवी खिलाड़ी की वापसी से टीम को बड़ा संतुलन मिला है. डॉसन एक ऐसे ऑलराउंडर हैं जो गेंद और बल्ले दोनों से योगदान देने की क्षमता रखते हैं. वह लंबे स्पैल गेंदबाजी कर सकते हैं और निचले क्रम में उपयोगी रन जोड़ सकते हैं.
इस मैच में अभी तक उन्होंने एक विकेट लिया है, लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा, उनसे और भी विकेटों की उम्मीद की जा रही है. ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच स्पिनरों को मदद करती है और डॉसन इस परिस्थिति का फायदा उठा सकते हैं.
लियाम डॉसन की यह वापसी उन तमाम क्रिकेटरों के लिए प्रेरणास्पद है, जो टीम से बाहर होने के बाद भी अपने खेल में सुधार कर वापसी की उम्मीद रखते हैं. आठ साल का लंबा इंतजार, निरंतर मेहनत और प्रदर्शन ही उन्हें वापस इंग्लैंड की टेस्ट टीम में लेकर आया.
अगर वह इस टेस्ट में और विकेट लेते हैं या बल्ले से उपयोगी पारी खेलते हैं, तो वह खुद को इंग्लैंड की भविष्य की योजनाओं में फिर से शामिल कर सकते हैं. आने वाले मैचों में भी यदि उन्हें मौका मिलता है, तो यह सीरीज उनके करियर के पुनरुत्थान का बड़ा मोड़ साबित हो सकती है.
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