IND vs ENG: एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट की शुरुआत में भारत और इंग्लैंड ने एक मिनट तक तालियां बजाईं और एक महान क्रिकेटर को श्रद्धांजलि दी. दोनों टीमों और दर्शकों ने खड़े होकर इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज वेन लारकिंस की याद में तालियां बजाईं, जिनका 28 जून को 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. दूसरे टेस्ट के पहले दिन दोनों टीमों ने उनके सम्मान में काली पट्टियां भी बांध रही हैं. 13 टेस्ट और 25 वनडे खेलने वाले लारकिंस इंग्लैंड की उस टीम का हिस्सा थे, जो 1979 क्रिकेट विश्व कप में उपविजेता रही थी. पहले और दूसरे टेस्ट के बीच थोड़ी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था. Why players of India and England playing with wearing black arms bands
वेन ने इंग्लैंड के लिए खेले 13 अेस्ट और 25 वनडे
नॉर्थम्पटनशायर की वेबसाइट पर दी गई रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड और नॉर्थम्पटनशायर के पूर्व बल्लेबाज वेन लारकिंस का 71 वर्ष की आयु में संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया. बल्लेबाज का निधन 28 जून को हुआ. 1979 और 1991 के बीच, ‘नेड’ के नाम से मशहूर लारकिंस ने 13 टेस्ट और 25 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया. इंग्लैंड के लिए उनका दूसरा प्रदर्शन 1979 के विश्व कप फाइनल में था, जहां उन्होंने नंबर 7 पर बल्लेबाजी की और दो ओवर गेंदबाजी की.
तीन साल तक वेन ने झेला प्रतिबंध
वेन का सबसे बड़ा पल तब आया जब उन्होंने सबीना पार्क में विजयी रन बनाए, जिससे इंग्लैंड को 1989-90 के वेस्टइंडीज दौरे पर 1-0 की आश्चर्यजनक बढ़त मिली. यह लार्किन्स का सातवां टेस्ट था, जो उनके छठे टेस्ट के आठ साल से भी ज्यादा समय बाद आया था. अगर 1982 में दक्षिण अफ़्रीका के विद्रोही दौरे में शामिल होने के कारण उन पर तीन साल का प्रतिबंध नहीं लगाया गया होता तो वे इस बीच और भी टेस्ट खेल सकते थे. लार्किन्स ने अपने करियर के अधिकांश समय नॉर्थम्पटनशायर के लिए खेला, टीम के लिए 700 से अधिक गेम खेले और अपने स्ट्रोकप्ले और मैदान के बाहर अपने जीवंत व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थे.
1982 में खुल गया था वापसी का रास्ता
उसके बाद, वह डरहम चले गए, जहां उन्होंने अंततः अपने करियर के बाद संन्यास ले लिया, जिसमें उन्होंने 40,000 रन और 85 शतक बनाए. लार्किन्स ने 1978 से 1985 के बीच प्रत्येक सत्र में 1,000 प्रथम श्रेणी रन पूरे किए. 1983 में उनका शानदार प्रदर्शन – डर्बीशायर के विरुद्ध डर्बी में 236 रन तथा सात सप्ताह के अंतराल में स्वानसी में ग्लेमोर्गन के विरुद्ध 252 रन वाला आया. इस प्रदर्शन ने उन्हें टेस्ट टीम में वापसी का हकदार बना दिया था, लेकिन उस समय उन पर 1982 में दक्षिण अफ्रीका के अनधिकृत दौरे में शामिल होने के कारण प्रतिबंध लगाया गया था.
ये भी पढ़ें…
अगर टीम में नहीं शामिल हुआ तो अन्याय, अश्विन की वजह से उसने 8 साल में केवल 13 टेस्ट खेले; कैफ
…तो आप उसे हमेशा के लिए खो देंगे, तेज गेंदबाज की पत्नी ने भारत को चेताया, बुमराह को लेकर जताई चिंता
टीम इंडिया की ‘पंचायत’, कौन हैं सचिव जी और कौन है बनराकस, प्रहलाद चा से सुनिए