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बुमराह को ये क्या हुआ? रफ्तार गायब, एवरेज इतना ज्यादा, टीम इंडिया के लिए मुसीबत ही मुसीबत

Jasprit Bumrah concerns in IND vs ENG Test Series: मैनचेस्टर टेस्ट में जसप्रीत बुमराह अब तक सिर्फ एक विकेट ले पाए हैं और थके-थके नजर आए. उन्होंने 28 ओवर में 5 मेडन डाले, लेकिन 5 नो बॉल भी फेंकीं और खास प्रभाव नहीं छोड़ सके. आमतौर पर आलोचना जल्दबाजी में होती है, लेकिन इस बार उनके आलोचकों की बातें कुछ हद तक सही लग रही हैं.

Jasprit Bumrah concerns in IND vs ENG Test Series: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे चौथे टेस्ट में जसप्रीत बुमराह अब तक एक भी विकेट नहीं ले पाए हैं. अमूमन उनके आलोचक आलोचना करने का मौका तलाशते रहते हैं और कोई न कोई आंकड़ा ले आते हैं. लेकिन लगता है कि यह वक्त बुमराह की आलोचना के लिए बिल्कुल सही बन गया है. आमतौर पर यह आलोचना गलत और जल्दबाजी में होती है, लेकिन इस बार आलोचकों की बातें कुछ हद तक सही लग रही हैं. इसका मतलब यह नहीं कि बुमराह दबाव में विकेट नहीं लेते या अहम मौकों पर बेअसर होते हैं. लेकिन मैनचेस्टर में बुमराह थके-थके नजर आए. तीसरे दिन तक बुमराह ने 28 ओवर गेंदबाजी की है, जिसमें 5 मेडेन हैं. उन्होंने 5 नो बॉल भी डाली हैं जबकि सफलता के नाम पर केवल 1 विकेट ले पाए हैं. जसप्रीत बुमराह ने दो टेस्ट मैचों में 12 विकेट झटके थे, लेकिन मैनचेस्टर टेस्ट में वह अब तक विकेट के लिए तरसते नजर आ रहे हैं.

बुमराह की रफ्तार और सटीकता नदारद

आमतौर पर बुमराह खुद को एक-दो ओवर में ही सुधार लेते हैं, लेकिन इस टेस्ट में उन्होंने अब तक 19 ओवर फेंके हैं और मुश्किल से कुछ ही मौके बना पाए हैं. कई गेंदें लेग साइड पर जा रही थीं, तो कई बार लाइन-लेंथ बिगड़ती दिखी. यह बुमराह की सामान्य स्थिति नहीं है. कप्तान शुभमन गिल ने लंच के बाद नई गेंद ली, लेकिन नई गेंद से बुमराह ने सिर्फ एक ओवर डाला और मैदान से बाहर चले गए. वह करीब 20 मिनट बाद वापस लौटे, लेकिन बुमराह टी ब्रेक के बाद ज्यादा गेंदबाजी इसलिए नहीं कर सके क्योंकि वह टी ब्रेक से पहले मैदान से बाहर चले गए थे और नियमों के अनुसार, कोई भी गेंदबाज जितनी देर तक मैदान से बाहर रहता है, उसे उतनी ही देर तक मैदान में फील्डिंग करनी होती है तभी वह दोबारा गेंदबाजी कर सकता है.

चाय के बाद जसप्रीत बुमराह का स्पेल सिर्फ चार ओवर तक चला, जिसमें उन्होंने 14 रन देकर 0 विकेट लिए. इसमें एकमात्र मेडन शामिल था, जिसके बाद उनकी जगह रविंद्र जडेजा को मैदान पर उतारा गया. फील्डिंग करते समय भी बुमराह को पैर में कुछ परेशानी महसूस हो रही थी और वह बार-बार अपने टखने को मोड़ते नजर आए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शारीरिक असहजता भी गेंदबाजी में बाधा बनी. इस तरह बुमराह की गेंदबाजी पर दो कारणों से असर पड़ा. पहला उन्हें चोट या थकान के कारण खुद को आराम देना पड़ा. दूसरा आईसीसी के फील्डिंग-टू-बॉलिंग समय नियम के कारण वह ब्रेक से पहले गेंदबाजी नहीं कर पाए.

रफ्तार में गिरावट

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने बीबीसी पर कहा, “जसप्रीत बुमराह आज आसान और खेल सकने वाले गेंदबाज लगे. वह वो तीव्रता नहीं ला पाए जो उन्होंने लॉर्ड्स में अपनी शानदार स्पेल के दौरान दिखाई थी. स्टोक्स और आर्चर जैसी रफ्तार वह नहीं निकाल पा रहे.” माइकल वॉन की बात सटीक लगती है. मैनचेस्टर टेस्ट में बुमराह की गति में बड़ी गिरावट आई है. जो गेंदबाज आमतौर पर 138-142 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं, उन्होंने इस टेस्ट में एक भी गेंद 140 की रफ्तार से नहीं फेंकी. यह कोई इत्तफाक नहीं है, बल्कि इस सीरीज में ये ट्रेंड बन चुका है.

बॉलिंग एवरेज में भी समस्या

बुमराह के लिए एक और आंकड़ा दिक्कत करने वाला हो रहा है. लाइव टीवी के दौरान इस सीरीज में उनका बल्लेबाजों के सामने एवरेज दिखा. बुमराह ने अब तक की गई बॉलिंग में पुछल्ले बल्लेबाजों के खिलाफ यह 7.16 है. लेकिन टॉप ऑर्डर के सात बल्लेबाजों के सामने यह 41.66 है. ऐसे में अब बुमराह की आलोचना और तनकीद करने वालों के पास डाटा भी उपलब्ध हो गए हैं. 

क्या टेस्ट क्रिकेट के लिए फिट नहीं हैं बुमराह?

हेडिंग्ले टेस्ट की दूसरी पारी में भी बुमराह बेअसर दिखे थे. हालांकि वह पिच सपाट थी, इसलिए इसका असर हो सकता है. लॉर्ड्स में बुमराह बेहतर नजर आए क्योंकि उन्होंने वहां 16 ओवर फेंके थे. लेकिन मैनचेस्टर में वह पहले ही इनिंग में बेदम नजर आए. उनके वर्कलोड को लेकर माना जा रहा है कि वे मौजूदा सीरीज में केवल तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे. यह भी हो सकता है कि मैनचेस्टर की दूसरी पारी में वह गेंदबाजी ही न करें. ऐसा लगता है कि वे अभी पूरी तरह फिट नहीं हैं.

इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि जनवरी में बुमराह को पीठ की चोट लगी थी. उन्होंने आईपीएल 2025 में हिस्सा जरूर लिया, लेकिन वहां भी सिर्फ 4-4 ओवर की ही गेंदबाजी की थी. शायद यही वजह है कि सीरीज से पहले बुमराह ने कहा था कि वे सिर्फ तीन टेस्ट खेलेंगे. अब यह फैसला समझ में आता है कि तेज गेंदबाजों के लिए वर्कलोड मैनेजमेंट कितना जरूरी है, ये साफ दिख रहा है.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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