Karun Nair Fifty: 3,149 दिनों का इंतजार, घरेलू क्रिकेट में अनगिनत रन और आठ साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार करुण नायर ने टेस्ट क्रिकेट में फिर से बल्ला उठाया. ओवल में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट के पहले दिन का मौसम बादलों से घिरा और बारिश से प्रभावित था, पिच पर बल्लेबाजी बेहद मुश्किल थी और भारत का टॉप ऑर्डर लड़खड़ा गया, लेकिन नायर डटे रहे. उन्होंने अकेले ही टीम इंडिया की नाव की पतवार संभाली और जुझारु बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जड़ा. यह फिफ्टी न केवल भारत के लिए बल्कि उनके डूबते टेस्ट करियर को बचाने का एक गोल्डेन मोमेंट बन सकता है. पांचवें टेस्ट के स्टंप्स तक भारत ने नायर की फिफ्टी की बदौलत 6 विकेट के नुकसान पर 204 रन बनाए हैं.
चौथे टेस्ट में लगातार असफलताओं के बाद जब उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था, तो लगा मानो 33 वर्षीय बल्लेबाज के लिए रास्ता यहीं खत्म हो गया. लेकिन किस्मत ने उन्हें एक आखिरी मौका दिया. ऋषभ पंत के चोटिल होने और टीम इंडिया के अतिरिक्त बल्लेबाजी विकल्प के साथ उतरने पर गौतम गंभीर ने नायर को नंबर 5 पर उतारा. नायर ने इसी मौके का भरपूर फायदा उठाया और 3149 दिनों बाद 50+ रनों का आंकड़ा छुआ. जब 153 रन पर 6 विकेट गंवाकर भारत संकट में था, तब नायर ने वह धैर्य दिखाया जो उनके पास हमेशा था. उन्होंने बादलों से घिरे आसमान में स्विंग गेंदबाजी झेली, लगातार बारिश रुकने-चलने से टूटती लय के बीच टिके रहे और शांत मन से बल्लेबाजी की. यह 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए उनके कभी न भूलने वाले 303 रन के बाद उनका पहला अर्धशतक था.
करुण नायर की यह पारी टेस्ट क्रिकेट में किसी भारतीय बल्लेबाज के दो अर्धशतकों के बीच का यह दूसरा सबसे लंबा अंतराल है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए व्यवधान को छोड़कर, 21 वीं सदी में सबसे लंबा अंतराल पार्थिव पटेल के नाम दर्ज है. उन्होंने अपना चौथा अर्धशतक अक्टूबर 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 54 रन बनाकर लगाया था, जबकि पांचवां अर्धशतक उन्होंने नवंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 67 रन बनाकर पूरा किया. इन दोनों अर्धशतकों के बीच 4426 दिन का फासला रहा.
दो अर्धशतकों के बीच सबसे लंबा अंतराल
पार्थिव पटेल- 12 साल 43 दिन (2004 से 2016 के बीच)
फवाद आलम- 11 साल 167 दिन (2009 से 2020 के बीच)
रॉबिन पीटरसन- 9 साल 289 दिन (2003 से 2013 के बीच)
करुण नायर- 8 साल 227 दिन (2016 से 2025 के बीच)
एल्टन चिगुंबुरा- 8 साल 109 दिन (2005 से 2013 के बीच)
करुण की लाजवाब पारी
यह पारी न तो बहुत चमकदार थी, न ही दबदबे वाली, लेकिन यह वही थी जिसकी भारत को जरूरत थी. उससे भी बढ़कर, यह वही थी जिसकी करुण नायर को जरूरत थी. इस सीरीज में छह पारियों में सिर्फ 131 रन बनाने के बाद उनका भविष्य अधर में था. चौथे टेस्ट में उनको टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, लेकिन सीरीज के सबसे कठिन बल्लेबाजी वाले दिन उन्होंने कमाल कर दिया. हालांकि, काम अभी अधूरा है. उन्होंने पहले दिन की कठिन परीक्षा पास कर ली है, लेकिन अब वह भारत के पिछले मैच के हीरो बल्लेबाज वाशिंगटन सुंदर के साथ खेल रहे हैं.
भारतीय टीम ताश के पत्तों की तरह बिखरने की हालत में नहीं है. अगर इस सीरीज को ड्रॉ करवाना है, तो 52* पर खेल रहे नायर का लक्ष्य होगा कि वह दूसरे दिन के पहले सेशन को पार करें, जो उनके लिए उतना ही चुनौतीपूर्ण हो सकता है. हालांकि, इंग्लैंड के लिए अच्छी खबर यह नहीं है कि क्रिस वोक्स कल शायद मैदान पर न उतर पाएं, क्योंकि दिन के अंत में एक बाउंड्री बचाने की कोशिश में उनके कंधे में चोट लग गई.
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