MI vs DC: महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2025 के दूसरा मैच अंपायर के फैसले की वजह से गरमा गया. यह मुकाबला मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच 15 फरवरी 2025 को बीसीए स्टेडियम, वडोदरा में खेला गया था. मैच के दौरान टेलीविजन अंपायर को कई करीबी फैसले लेने पड़े, जिनमें सभी रन आउट के फैसले दिल्ली कैपिटल्स के पक्ष में गए, जिससे मुकाबले में जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला. यह मुकाबला अपने रोमांचक अंत के अलावा अंपायरिंग के विवादास्पद फैसलों के कारण भी चर्चा का विषय बन गया. क्रिकेट जगत में इस पर बहस जारी है कि क्या अंपायर को LED गिल्लियों के जलने को ही निर्णायक मानना चाहिए था. Umpires Decision sparks controversy.
दरअसल दिल्ली कैपिटल्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और मुंबई इंडियंस को 164 रन पर 19.1 ओवर में ऑल आउट कर दिया. लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली कैपिटल्स को अंतिम गेंद पर 2 रन की जरूरत थी, जिसे अरुंधति रेड्डी (2 नाबाद) ने पूरा कर दिल्ली को जीत दिला दी. लेकिन इस रोमांचक मुकाबले के अंतिम क्षणों में टीवी अंपायर गायत्री वेणुगोपालन द्वारा लिए गए तीन रन आउट के फैसलों को लेकर विवाद खड़ा हो गया.
शिखा पांडे का पहला रन आउट विवाद (18वां ओवर)
पहला विवाद 18वें ओवर की चौथी गेंद पर हुआ. इस दौरान शिखा पांडे एक बाई रन लेने के लिए दौड़ीं, लेकिन उनके साथी बल्लेबाज निकी प्रसाद ने उन्हें वापस लौटने का इशारा किया. जैसे ही शिखा वापस मुड़ीं, मुंबई इंडियंस की फील्डर ने डायरेक्ट थ्रो मारकर स्टंप्स उड़ा दिए.
रिप्ले देखने पर ऐसा लगा कि शिखा का बल्ला क्रीज के अंदर नहीं था, लेकिन थर्ड अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया. इस फैसले से मुंबई की कप्तान हरमनप्रीत कौर नाराज हो गईं और मैदान पर अंपायर से बहस करती नजर आईं. हालांकि, चार गेंद बाद ही शिखा पांडे दूसरी अपील में रन आउट दे दी गईं.
राधा यादव का रन आउट विवाद (19वां ओवर)
दूसरा बड़ा विवाद 19वें ओवर की पांचवीं गेंद पर हुआ, जब राधा यादव रन लेते समय करीब-करीब हवा में थीं. मुंबई इंडियंस की अपील के बाद जब थर्ड अंपायर ने रिप्ले देखा, तो ऐसा लग रहा था कि राधा का बल्ला क्रीज के अंदर नहीं था, लेकिन फिर भी उन्हें नॉट आउट दिया गया.
अरुंधति रेड्डी का रन आउट अंतिम गेंद पर (20वां ओवर)
तीसरा अंतिम गेंद पर अरुंधति रेड्डी का था. 165 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे, डीसी की अरुंधति रेड्डी ने गेंद को ऑफ-साइड की तरफ खेला, जिसे एमआई की कप्तान हरमनप्रीत ने थ्रो किया, लेकिन जैसे ही अरुंधति ने मैदान में उतरने के लिए डाइव लगाई, उनका बल्ला पूरी तरह क्रीज के पार जाने से पहले ही ज़िंग की बेल्स चमक उठीं. लेकिन अंपायर ने नॉट आउट करार दिया क्योंकि बेल्स नहीं गिरी थीं.
इस जीवनदान का फायदा उठाकर अगली ही गेंद पर राधा यादव ने शानदार छक्का जड़ दिया, जिससे मुंबई इंडियंस की हार की स्थिति और मजबूत हो गई. इन तीनों मौकों पर अंपायर ने कई बार रिप्ले की जांच की, लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि उन्होंने गिल्लियों की LED लाइट जलने के समय को निर्णायक कारक नहीं माना, जिससे फैसले विवादास्पद बन गए.
नियमों के अनुसार LED विकेट्स का महत्व
नियम 4.2: अगर LED विकेट्स का उपयोग किया जाता है, तो विकेट को गिरा हुआ तब माना जाएगा जब LED लाइट पहली बार जलती है और उसके बाद गिल्लियां पूरी तरह स्टंप्स से अलग हो जाती हैं.
नियम 29.1: जब कम से कम एक गिल्ली पूरी तरह से स्टंप्स से अलग हो जाती है या जब कोई स्टंप ज़मीन से उखड़ जाता है, तो विकेट को टूटा हुआ माना जाएगा.
मुंबई इंडियंस बनाम दिल्ली कैपिटल्स के इस मुकाबले में अंपायरिंग के फैसलों को लेकर जबरदस्त विवाद छिड़ गया है. क्रिकेट विशेषज्ञ और फैंस इस बात से हैरान हैं कि रन आउट के इतने करीबी मामलों में भी मुंबई के पक्ष में कोई निर्णय क्यों नहीं गया. न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा, “समझ नहीं आ रहा कि आज अंपायर ने LED गिल्लियों को मान्यता क्यों नहीं दी? जब गिल्लियां जलती हैं, तो कनेक्शन टूट जाता है, जिसका मतलब है कि विकेट गिर चुका है. यह नियमों में साफ लिखा हुआ है! पिछले 10 मिनट में जितना भ्रम देखा, उतना पहले कभी नहीं देखा था.”
वहीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने इन फैसलों पर नाराजगी जताई. उन्होंने जियो हॉटस्टार पर कमेंट्री के दौरान कहा कि अगर तीनों नहीं, तो कम से कम दो रन आउट, शिखा पांडे और राधा यादव के फैसले मुंबई इंडियंस के पक्ष में जाने चाहिए थे. मिताली का मानना था कि शिखा पांडे का बल्ला क्रीज के अंदर नहीं था, बल्कि लाइन पर था, इसके बावजूद उन्हें नॉट आउट करार दिया गया.
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