Ravindra Jadeja ignored Umpires Direction at Lord’s: भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच अपने नतीजे से ज्यादा भारतीय बल्लेबाजों के संघर्ष के लिए ज्यादा याद किया जाएगा. विशेषकर रवींद्र जडेजा, मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह के लिए. जडेजा ने संभवतः अपने करियर की सबसे जुझारू पारी खेली. उन्होंने 181 गेदों का सामना करते हुए 61 रन बनाए और भारतीय पारी को एक छोर से संभालते हुए नाबाद लौटे. भारत को इस मैच में भले ही 22 रन से हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन मैच के बाद जडेजा की तारीफ सबकी जुबान पर थी. कोच गौतम गंभीर हों या कैप्टन शुभमन गिल या फिर मोहम्मद सिराज सबने उन्हें इंडियन टीम का मोस्ट वैलुएबल प्लेयर बताया. हालांकि इस मैच में विवादों की भी भरमार रही. इसी तरह के मुद्दे को फोकस करते हुए जडेजा पर अंपायर को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया गया.
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और फेमस कमेंटेटर माइकल एथरटन ने कहा है कि रवींद्र जडेजा ने लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान ड्रिंक्स ब्रेक में तेजी लाने के अंपायर के निर्देश को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. एथरटन के मुताबिक, यह घटना इस बात का उदाहरण है कि किस तरह मौजूदा समय में अंपायर्स की साख और नियंत्रण में गिरावट आई है, जो इस मुकाबले के कई भावनात्मक और गर्म क्षणों को संभालने में संघर्ष करते नजर आए. एथरटन ने लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान हुए विवादों और टकरावों की पूरी तस्वीर सामने रखी. उन्होंने कहा शुभमन गिल द्वारा इंग्लिश बल्लेबाजों की ओर उंगली दिखाना और सीने से भिड़ना, जैक क्रॉली और आकाश दीप का समय बर्बाद करने के लिए कथित नकली चोटें, बॉलर्स और बल्लेबाजों के बीच शोल्डर-बार्ज (कंधे पर धक्का मारना) और आक्रामक सेलिब्रेशन, ड्यूक्स गेंद की हालत को लेकर विवाद और अंपायर्स द्वारा कुछ फैसलों में की गई गलतियां. ये सब मैच को एक तरह से अव्यवस्थित और तनावपूर्ण बनाते रहे.

एथरटन ने DRS (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) को भी इस स्थिति का एक संभावित कारण बताया. उन्होंने कहा, “अब ज्यादा फोकस अंपायर्स पर है, खिलाड़ियों पर नहीं. अंपायर्स को अपनी पकड़ मजबूत करनी चाहिए. मुझे नहीं पता अंपायर्स की घटती ताकत कहां से शुरू हुई, शायद यह DRS के बाद से हुआ हो. पहले अंपायर का फैसला अंतिम होता था, लेकिन अब खिलाड़ियों के पास चुनौती देने का विकल्प है.”
उन्होंने यह भी कहा कि DRS ने भले ही खेल को निष्पक्ष और तकनीकी रूप से बेहतर बनाया हो, लेकिन इससे अंपायरों का दबदबा जरूर कम हुआ है. एथरटन ने एक वाकया याद करते हुए कहा, “जडेजा एक समय ड्रिंक्स ले रहे थे, अंपायर घड़ी दिखाकर उन्हें आगे बढ़ने को कह रहे थे, लेकिन जडेजा ने उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. मुझे लगता है खेल को बिना क्वालिटी खोए थोड़ा तेज किया जा सकता है.”
गौरतलब है कि इंग्लैंड ने लॉर्ड्स टेस्ट के आखिरी दिन जीत दर्ज की और अब वह 5 मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे है. अब जब सीरीज मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड पहुंच रही है. सीरीज के चौथे मैच की शुरुआत 23 जुलाई से होगी.
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