Milind Rege: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत से पहले क्रिकेट जगत के लिए एक दुखद समाचार सामने आया है. मुंबई के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता मिलिंद रेगे का 76 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. 19 फरवरी की सुबह दिल का दौरा पड़ने से उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. मिलिंद रेगे घरेलू क्रिकेट में एक प्रतिष्ठित नाम थे. उनको मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई. उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं.
सुनील गावस्कर के बचपन के दोस्त थे मिलिंद रेगे
मिलिंद रेगे और पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर बचपन के करीबी दोस्त थे. दोनों ने एक ही स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई की थी और दादर यूनियन स्पोर्टिंग क्लब से क्रिकेट खेला था. घरेलू क्रिकेट में मुंबई क्रिकेट टीम का एक महत्वपूर्ण चेहरा माने जाने वाले रेगे ने खेल के साथ-साथ मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) में भी अहम भूमिका निभाई.
रणजी ट्रॉफी में शानदार करियर
मिलिंद रेगे ने 1966 से 1977-78 तक रणजी ट्रॉफी में मुंबई की कप्तानी की. उन्होंने अपने 52 प्रथम श्रेणी मैचों में 126 विकेट लिए और 1532 रन भी बनाए. उनका औसत 23 के करीब रहा. दिलचस्प बात यह है कि जब वे 26 साल के थे, तब भी उन्हें हार्ट अटैक आया था, लेकिन वे ठीक होकर मैदान पर लौटे.
मुंबई क्रिकेट में बड़ा योगदान-सचिन तेंदुलकर को मौका दिलाने वाले चयनकर्ता
मिलिंद रेगे मुंबई क्रिकेट से तीन दशक तक जुड़े रहे और मुंबई के मुख्य चयनकर्ता के रूप में भी कार्य किया. वह उस चयन समिति का हिस्सा थे जिसने 1988-89 सीजन में पहली बार सचिन तेंदुलकर को मुंबई टीम में की प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए टीम में शामिल किया था. यह वही निर्णय था जिसने क्रिकेट जगत को एक महान खिलाड़ी दिया. मिलिंद रेगे करीब तीन दशकों तक MCA के मुख्य चयनकर्ता रहे. बाद में, उन्होंने यशस्वी जायसवाल जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी अवसर देने में अहम भूमिका निभाई.
मुंबई टीम ने मैच के दौरान दी श्रद्धांजलि
26 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के कारण वह क्रिकेट खेलना जारी नहीं रख सके, लेकिन उन्होंने मुंबई क्रिकेट का हिस्सा बने रहने का फैसला किया और युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया. रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में मुंबई और विदर्भ के बीच मुकाबले के दौरान मुंबई के खिलाड़ियों ने मिलिंद रेगे को श्रद्धांजलि दी. तीसरे दिन, मुंबई टीम के खिलाड़ी हाथ में काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे. रेगे के निधन से मुंबई क्रिकेट को एक बड़ी क्षति हुई है. उनके योगदान और समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा.
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