Most Lengthy and Expensive Over Record in Cricket: क्रिकेट में हर दिन कोई न कोई अनोखा रिकॉर्ड बनता है, चाहे वो छह गेंदों पर छह छक्के लगाने का कारनामा हो या एक ही ओवर में कई विकेट गिरने की घटना. लेकिन एक ओवर में सबसे ज्यादा रन बनने का रिकॉर्ड आज भी क्रिकेट प्रेमियों को हैरान करता है. हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स में पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस के जॉन हेस्टिंग्स ने 18 गेंद का ओवर फेंका, लेकिन वो ओवर भी अधूरा ही रहा, क्योंकि वह केवल 5 वैध गेंद ही फेंक पाए. पर यह घटना उस रिकॉर्ड के सामने कुछ भी नहीं लगती, जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
फरवरी 1990 में क्रिकेट के इतिहास का सबसे लंबा और सबसे महंगा ओवर दर्ज हुआ, जहां गेदें फेंकी गई 22 और कुल रन बने 77. हां, आपने सही पढ़ा 77 रन. 36 से भी दोगुना. और अगर आपको यह पागलपन लग रहा है, तो जानिए कि यह सब कैसे हुआ, तब आपका दिमाग और घूम जाएगा. यह रिकॉर्ड बना न्यूजीलैंड में खेले जा रहे एक फर्स्ट क्लास मुकाबले में, जहां वेलिंगटन की ओर से खेलते हुए गेंदबाज बर्ट वेंस ने कैंटरबरी के खिलाफ ये अनोखा ओवर फेंका. (77 Runs in an Over)
22 गेंद और 77 रन की पृष्ठभूमि कैसे बनी
यह मुकाबला शेल ट्रॉफी का अंतिम लीग मैच था, जो क्राइस्टचर्च में वेलिंगटन और कैंटरबरी के बीच खेला जा रहा था. खिताब जीतने के लिए वेलिंगटन को इस मैच में जीत जरूरी थी. उन्होंने अंतिम दिन अपनी पारी 309/6 पर घोषित की और कैंटरबरी को 59 ओवर में 291 रनों का लक्ष्य दिया. वेलिंगटन के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कैंटरबरी को 108/8 के स्कोर पर ला खड़ा किया. हालांकि, कैंटरबरी के बल्लेबाज ली जर्मन (जो आगे चलकर अपने डेब्यू मैच में ही न्यूजीलैंड के कप्तान भी बने) और रोजर फोर्ड ने डटकर मुकाबला किया. दोनों ने नौवें विकेट के लिए 88 रन जोड़कर मैच को ड्रॉ की ओर मोड़ दिया. (77 Runs in Six Balls)
जीत के लिए चली गई एक चौंकाने वाली चाल
57 ओवर में स्कोर था 196/8, यानी ड्रॉ के लिए केवल दो ओवर टिकना था, जबकि वेलिंगटन को जीतने के लिए दो विकेट की दरकार थी. ऐसे में वेलिंगटन के कप्तान एर्विन मैकस्वीनी ने एक हैरान करने वाला फैसला लिया. उन्होंने गेंद थमा दी पार्ट-टाइमर रॉबर्ट वेंस को, जो अपने 15 साल के करियर में शायद ही कभी गेंदबाजी करते दिखे हों. कप्तान की रणनीति थी कि वेंस इतनी साधारण गेंदबाजी करें कि बल्लेबाज रन के लालच में आकर गलत शॉट खेलें और विकेट दे दें.
रणनीति बन गई बुमेरांग
परिस्थितियां विपरीत रुख ले गईं. वेंस ने बार-बार नो-बॉल की, आसान फुल टॉसें डालीं और ली जर्मन ने खुलकर बड़े शॉट्स लगाए. उन्होंने लगातार 16 नो-बॉल्स डालीं. यानी उनकी शुरुआती 17 में से केवल एक गेंद वैध थी. फील्डर्स भी जैसे मूक दर्शक बन गए थे. ली जर्मन ने इस दौरान लगातार 5 छक्के जड़े और हैरत की बात यह कि सभी नो-बॉल पर. मैदान पर अफरा-तफरी मच गई थी. स्कोरर और अंपायर गेंदों और रनों की गिनती में गड़बड़ा गए. स्कोरबोर्ड तक बंद हो गया. वेंस का ओवर आखिरकार 22 गेंदों में पूरा हुआ, जिसमें रन बने 77. ओवर का क्रम था-
0, 4, 4, 4, 6, 6, 4, 6, 1, 4, 1, 0, 6, 6, 6, 6, 6, 0, 0, 4, 0, 1
Wellington' Bert Vance conceded 77-run in an over in a #first-class match in #1990. Over: #0444664614106666600401 pic.twitter.com/wIZsSYN3Mm
— Gaurav (@GauravDas) October 27, 2014
आखिरी ओवर में ड्रामा, लेकिन मैच रहा टाई
अब कैंटरबरी को जीत के लिए केवल 18 रन चाहिए थे. अंतिम ओवर में ली जर्मन ने एवन ग्रे की गेंदबाजी पर आक्रमण जारी रखा. उन्होंने 5 गेंदों में 17 रन जोड़ दिए और आखिरी गेंद खेलने के लिए स्ट्राइक रोजर फोर्ड के पास आ गई. जैसे ही गेंद फेंकी गई, फोर्ड ने डिफेंस किया लेकिन कोई रन नहीं बना और इस तरह, मैच टाई पर खत्म हुआ.
वेलिंगटन बना चैंपियन
जर्मन 143 गेंदों पर 160* और फोर्ड 69 गेंदों पर 14* रन बनाकर नाबाद रहे. दोनों ने क्रमशः 152 और 132 मिनट बल्लेबाजी की. हालांकि बाद में यह भी सामने आया कि वेंस के ओवर में केवल 5 वैध गेंदें ही डाली गईं, क्योंकि अंपायर भी इस गड़बड़झाले में गिनती भूल गए थे. इसमें उनकी गलती भी नहीं मानी जा सकती. जीतने के चक्कर में यह चाल वेलिंगटन के लिए लगभग उल्टी पड़ ही गई थी. वेलिंगटन को स्लो ओवर-रेट के लिए चार अंक काटे गए (जिसमें वेंस का ओवर बड़ी वजह बना), जबकि ड्रॉ के लिए कैंटरबरी को चार अंक मिले. लेकिन सौभाग्य से, अन्य मैचों के परिणाम वेलिंगटन के पक्ष में गए और वे चैंपियन बन गए.
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