Nasser Hussain on Shubman Gill’s Captaincy: भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की शृंखला के शुरूआती टेस्ट मैच में पांच शतकीय पारियों के बाद भी हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड ने मंगलवार को मैच के पांचवें दिन 371 रन का लक्ष्य पांच विकेट गंवाकर हासिल कर लिया. टीम ने इसके साथ ही श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली. पांच विकेट से शिकस्त मिलने के बाद भारत के नये कप्तान शुभमन गिल की रणनीति की आलोचना के बीच पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा कि ‘ मैदान पर उनमें रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसा आभा नहीं दिखी’. रोहित शर्मा के बाद कप्तान के रूप में अपने पहले टेस्ट में गिल को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा और हुसैन ने कहा कि यह युवा खिलाड़ी कप्तान के तौर पर ‘सक्रिय होने के बजाय प्रतिक्रिया दे रहा’ था.
हुसैन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘मैंने देखा कि कोई तरीका ढूंढने की कोशिश कर रहा था. उसके (गिल) पास मैदान पर रोहित और (विराट कोहली) जैसी आभा नहीं दिखी. मुझे लगा कि वह सक्रिय होने के बजाय प्रतिक्रिया दे रहा था. जब रोहित और कोहली टीम की कप्तानी कर रहे थे तब आपको देख कर ही समझ आ जाता था कि कौन नेतृत्व कर रहा है लेकिन इस मैच में मुझे लगा कि दो या तीन कप्तान है. ऐसा लगा जैसे एक समिति टीम का नेतृत्व कर रही है.’’
सीनियर्स से बात ही नहीं कर रहा
उन्होंने आगे कहा, “जडेजा से एक बार भी कोई बातचीत नहीं हुई. शायद एक युवा कप्तान होने के नाते उनके लिए यह सहज नहीं रहा होगा कि वे जाकर एक अनुभवी स्पिनर से कहें कि गेंदबाज़ी की लाइन रफ (खुरदरे हिस्से) की ओर रखी जाए. उस वक्त रवि शास्त्री और मार्क बुचर कमेंट्री कर रहे थे और दिखा रहे थे कि गेंद कहां गिर रही है और साफ था कि गेंद रफ के आसपास नहीं पिच हो रही थी. रवि लगातार कह रहे थे कि गेंद थोड़ी धीमी और वाइड डाली जानी चाहिए ताकि वह रफ में पड़े. मुझे इस बात पर हैरानी हुई कि न तो किसी सीनियर खिलाड़ी ने और न ही कप्तान ने जडेजा से जाकर यह बात की. रवि ने बिल्कुल सही कहा कि टीम दो ऐसे कारणों से मैच हारी, जो जडेजा के नियंत्रण में नहीं थे.”
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हार्दिक जैसे ऑलराउंडर की जरूरत
हुसैन ने कहा कि भारत मैच इसलिए हार गया क्योंकि गिल दो चीजों (कैच छोड़ना और निचले क्रम के बल्लेबाजों का घुटने टेकना) को नियंत्रित नहीं कर सके. उन्होंने कहा भारत को हार्दिक जैसे ऑलराउंडर की जरूरत है, जो सीम बॉलिंग करे और रन भी बनाए. उन्होंने कहा, ‘‘टीम की यह स्थिति मुझे चिंतित करती है. भारत के पास लंबे समय से रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल जैसे शानदार स्पिन-गेंदबाजी हरफनमौला रहे हैं. वे हालांकि इंग्लैंड में अब भी एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की तलाश कर रहे हैं जो बल्लेबाजी कर सके.” इंग्लैंड के लिए 1990 से 2004 के बीच 96 टेस्ट खेलने वाले इस 57 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘भारतीय टीम अगर 31 रन पर छह विकेट और 41 रन पर सात विकेट गंवाते रही तो तो इस सीरीज का परिणाम जल्दी तय हो जायेगा.’’

रवि शास्त्री ने कहा- गिल ने उम्मीद से ज्यादा किया
वहीं भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि गिल ने ‘उनसे जितना अपेक्षित था, उससे कहीं अधिक किया है. शास्त्री ने कहा, ‘‘इस परिणाम के बावजूद कोचिंग स्टाफ के लिए इस मैच में कई सकारात्मक पहलू है. गिल ने एक कप्तान के रूप में उससे कहीं अधिक किया है, जितना अपेक्षित था.’’ शास्त्री ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने पहले टेस्ट में शतक बनाया. खिलाड़ियों का कैच छोड़ना उसके नियंत्रण में नहीं है.’’
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गिल ने भारत की पहली पारी में 471 रन के कुल स्कोर में 147 रन बनाए. उन्होंने दूसरी पारी में आठ रन बनाए. शास्त्री ने कहा, ‘‘भारत के लिए इस हार को पचा पाना मुश्किल होगा. आप अक्सर ऐसी स्थिति में नहीं आते और वहां से हार मान लेते हैं. उनके पास इंग्लैंड को मुकाबले से बाहर करने के कई मौके थे. उन्हें सीखना होगा और उन्हें निचले क्रम के बल्लेबाजों से अधिक सहयोग की जरूरत है. आपको अपने विकेट की कीमत को समझना होगा.’’
अगर बुमराह नहीं खेले, तो भारत की वापसी मुश्किल
मैच की पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले बुमराह की योजना इस सीरीज में तीन मैच खेलने की है. पूर्व भारतीय हरफनमौला और कोच ने यह भी कहा कि टीम के मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को दो जुलाई से बर्मिंघम में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में खेलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह आराम की सोच रहे थे तो आपको दो बार सोचना पड़ सकता है. बुमराह अगर उस मैच को नहीं खेलते हैं और आप 2-0 से पिछड़ जाते हैं तो वापसी करना काफी कठिन होगा.’’