IPL 2025: भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. उन्होंने अपने करियर में कुल 106 टेस्ट मैच खेले, लेकिन उनका संन्यास लेने का इरादा पहले से ही तय था. अश्विन ने खुलासा किया कि वह अपने 100वें टेस्ट मैच के बाद ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेना चाहते थे, जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में खेला था. इस मैच के लिए अश्विन ने धोनी को इनवाइट किया था, लेकिन वे नहीं आए, हालांकि धोनी ने उन्हें इससे भी बड़ा गिफ्ट दे दिया, जिस पर अश्विन काफी खुश हैं.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर सीरीज में तीसरे टेस्ट मैच से पहले संन्यास लेने वाले अश्विन, भारत के लिए टेस्ट और इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट निकालने वाले गेंदबाज हैं. अपने 100वें टेस्ट में उन्होंने 9 विकेट लिए थे. मार्च 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ उस मैच में भारत को पारी और 64 रनों से जीत मिली थी. अश्विन के 100वें टेस्ट के मौके पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनके सम्मान में एक विशेष समारोह का आयोजन किया था, जहां उन्हें एक स्मृति चिन्ह भी सौंपा गया. लेकिन अश्विन चाहते थे कि यह स्मृति चिन्ह उन्हें उनके पूर्व कप्तान एमएस धोनी के हाथों से मिले. दुर्भाग्यवश, धोनी उस समय वहां मौजूद नहीं हो सके. Ashwin Thanks Dhoni.
रविवार को पीएस रमन द्वारा लिखित पुस्तक ‘लियो- द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ सीएसके’ के विमोचन कार्यक्रम में अश्विन को कृष्णमाचारी श्रीकांत द्वारा सम्मानित किया गया. इस मौके पर अश्विन ने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे मैं फिर से 2011 में हूं.” अश्विन ने 2009 में CSK के साथ अपने IPL करियर की शुरुआत की थी और 2010 और 2011 में टीम की खिताबी जीत का हिस्सा रहे थे. इसके बाद उन्होंने पंजाब किंग्स, राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स, दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के साथ भी खेला. अब, 38 वर्षीय यह अनुभवी खिलाड़ी अपने 16वें IPL सीजन के लिए CSK में वापसी कर चुके हैं.
चेन्नई में हुए कार्यक्रम के दौरान अश्विन ने इस पल को याद करते हुए कहा कि भले ही धोनी उनके 100वें टेस्ट के मौके पर नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने अश्विन को इससे भी बड़ा तोहफा दिया. आईपीएल 2025 की नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने अश्विन को अपनी टीम में फिर से शामिल कर लिया. अश्विन ने कहा, “मैंने अपने 100वें टेस्ट के लिए एमएस धोनी को बुलाया था. मैंने उन्हें धर्मशाला में स्मृति चिन्ह सौंपने के लिए आमंत्रित किया था. मैं इसे अपना आखिरी टेस्ट बनाना चाहता था, लेकिन वह नहीं आ सके. मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह मुझे इससे भी बेहतर तोहफा देंगे, मुझे CSK में वापस लाएंगे. यह बहुत बेहतर है. इसके लिए धन्यवाद, एमएस. मैं यहां आकर बेहद खुश हूं.”
लगभग एक दशक बाद CSK में वापसी को लेकर अश्विन ने कहा कि यह उनके लिए किसी उपलब्धि के रूप में नहीं है, बल्कि वह इसे एक नए अवसर के रूप में देख रहे हैं. उन्होंने कहा, “हर जगह जाकर खेलना और यह जानना कि अलग-अलग टीमों का माहौल कैसा होता है, अपने आप में एक सीखने का अनुभव था. लेकिन एक बात जो मुझे हमेशा खास लगी, वह यह है कि CSK ने समय के साथ खुद को विकसित किया है, लेकिन टीम का मूल स्वरूप अब भी वैसा ही बना हुआ है.”
अश्विन की यह वापसी न केवल उनके लिए बल्कि CSK के प्रशंसकों के लिए भी एक खास पल है. इस अनुभवी स्पिनर ने न सिर्फ टीम के साथ दो खिताब जीते हैं, बल्कि टीम के साथ उनका रिश्ता भी गहरा है. CSK में उनकी वापसी से टीम को निश्चित रूप से मैदान के भीतर और बाहर दोनों जगह मजबूती मिलेगी.
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