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148 साल में हुआ पहली बार, टीम इंडिया ने रचा इतिहास, मैनचेस्टर में कर दी रिकॉर्ड्स की भरमार

Team India Records: शुभमन गिल की अगुआई में युवा भारतीय टीम से इंग्लैंड दौरे पर बड़े प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी. अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी और चोटों के बावजूद टीम ने शानदार खेल दिखाया. मैनचेस्टर टेस्ट में भारत ने हार टालते हुए मैच ड्रॉ कराया और इतिहास रच दिया.

Team India Records: जब शुभमन गिल की अगुआई में भारत की नई और युवा टीम का चयन इंग्लैंड दौरे के लिए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए हुआ था, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह टीम इतना शानदार प्रदर्शन करेगी. कप्तान नया था, कई अनुभवी खिलाड़ी संन्यास ले चुके थे, बुमराह से ज्यादा टेस्ट खेलने की उम्मीद नहीं थी और कुछ प्रमुख खिलाड़ी चोट से भी जूझ रहे थे. इन सबके बावजूद, चार मैचों के बाद भले ही इंग्लैंड सीरीज में 2-1 से आगे हो, लेकिन भारत ने बेहतरीन क्रिकेट खेलते हुए इतिहास रच दिया. टीम इंडिया ने मैनचेस्टर में खेला गया चौथा टेस्ट मैच हार के मुंह से छीनकर ड्रॉ करवा लिया. इसमें भारतीय बल्लेबाजी का एक नया मुकाम देखने को मिला है. 

टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट इतिहास की पहली ऐसी टीम बन गई है, जिसने किसी एक ही टेस्ट सीरीज में 7 बार 350 या उससे अधिक रन बनाए हैं. इंग्लैंड की जमीन पर खेली जा रही इस पांच मैचों की सीरीज में भारत ने अब तक 8 पारियों में बल्लेबाजी की है, जिनमें से 7 बार टीम ने 350+ का आंकड़ा पार किया. केवल एक पारी में ही भारत 350 से कम रन बना पाया. इससे पहले किसी भी टीम ने एक सीरीज में छह बार से ज्यादा 350+ रन नहीं बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया ने यह कारनामा तीन बार किया था, 1920-21 में घरेलू सीरीज में और 1948 व 1989 में इंग्लैंड में खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान.

एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा बार 350+ स्कोर

7 बार – भारत बनाम इंग्लैंड, 2025 (इंग्लैंड में)

6 बार – ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, 1920/21 (ऑस्ट्रेलिया में)

6 बार – ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, 1948 (इंग्लैंड में)

6 बार – ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, 1989 (इंग्लैंड में)

इसके साथ ही भारतीय टीम ने और भी रिकॉर्ड्स की भरमार की. एक नजर डालें- 

1. भारत की तीसरी या चौथी पारी में पहली बार तीन शतक

मैनचेस्टर टेस्ट में रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर और शुभमन गिल ने शतक जड़कर इतिहास रच दिया. यह टेस्ट क्रिकेट में पहली बार हुआ जब भारत ने किसी मैच की तीसरी या चौथी पारी में तीन बल्लेबाजों के व्यक्तिगत शतक दर्ज किए. आमतौर पर चौथी पारी में रन बनाना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, ऐसे में तीन शतक इस बात का प्रतीक हैं कि बल्लेबाजों ने परिस्थितियों के खिलाफ जबरदस्त जुझारूपन दिखाया.

2. शुरुआती दो विकेट शून्य पर गंवाने के बावजूद 400+ स्कोर

ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में भारत ने बिना खाता खोले ही अपने दो विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बावजूद टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए 425/4 का स्कोर खड़ा किया. यह टेस्ट इतिहास में गिने-चुने मौकों में से एक है जब कोई टीम 0/2 से 400 के पार पहुंची हो. इससे पहले भारत ने 1983 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ 451/8d और 1958 में वेस्टइंडीज ने ही कानपुर में भारत के खिलाफ 443/7d बनाया था.

3. तीसरी पारी में 300+ रन की बढ़त के बाद मैच बचाना

टेस्ट इतिहास में जब कोई टीम 300 से ज्यादा रन की पहली पारी की बढ़त देती है, तो मैच बचाना बेहद मुश्किल होता है. भारत ने ऐसा कारनामा केवल दो बार किया है, पहली बार 2009 में न्यूजीलैंड के खिलाफ नेपियर में 180 ओवर में 476/4 रन बनाकर और अब मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ 148 ओवर में 425/4 रन बनाकर. इन उदाहरणों से भारत की धैर्यपूर्ण और रणनीतिक बल्लेबाजी का अंदाजा मिलता है.

4. ओल्ड ट्रैफर्ड पर टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने वाली कोई टीम नहीं जीती

ओल्ड ट्रैफर्ड के ऐतिहासिक मैदान पर एक अनोखा ट्रेंड देखने को मिला है. यहां अब तक कोई भी टीम जो टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करती है, मैच नहीं जीत सकी है. इस मैदान पर टॉस जीतकर गेंदबाजी करने पर टीमों को 3 हार और 9 ड्रॉ मिले हैं. 

5. बैजबॉल युग में इंग्लैंड का दूसरा ड्रॉ, वो भी ओल्ड ट्रैफर्ड में

बैजबॉल एप्रोच के तहत इंग्लैंड की टीम आम तौर पर आक्रामक खेलती है, जिससे अधिकतर मैच नतीजे तक पहुंचते हैं. लेकिन मैनचेस्टर टेस्ट इंग्लैंड के इस नए युग में दूसरा ऐसा टेस्ट बना जो ड्रॉ रहा. इससे पहले एशेज 2023 का चौथा टेस्ट भी इसी मैदान पर ड्रॉ हुआ था.

6. एक सीरीज में चार भारतीय बल्लेबाजों के 400+ रन

भारत की बल्लेबाजी गहराई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस सीरीज में चार बल्लेबाजों, शुभमन गिल, केएल राहुल, ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने 400 से अधिक रन बनाए हैं. यह भारतीय टेस्ट इतिहास में पहली बार हुआ है जब एक ही सीरीज में चार खिलाड़ियों ने यह आंकड़ा पार किया हो. एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 में खासकर शुभमन गिल ने 4 मैचों की 8 पारियों में 722 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 269 रहा. गिल ने इस दौरान चार शतक जमाए. उनके अलावा केएल राहुल ने भी शानदार बल्लेबाजी की, उन्होंने 511 रन बनाए, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल रहे. ऋषभ पंत ने 68.42 की औसत से 479 रन बनाए, उन्होंने दो शतक और 3 अर्धशतक बनाए हैं. वहीं जडेजा ने 4 मैचों में एक शतक और चार अर्धशतक के साथ 454 रन बनाए हैं.

7. एक टेस्ट सीरीज में भारत के सबसे ज्यादा शतक 

वॉशिंगटन सुंदर के शतक के साथ ही भारत के लिए इस सीरीज में कुल 11 व्यक्तिगत शतक पूरे हो गए. यह 1978/79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में बनाए गए 11 शतकों की बराबरी है. यह रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि भारतीय बल्लेबाजों ने पूरी सीरीज में असाधारण अनुशासन और निरंतरता दिखाई है.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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