IND vs ENG, Harry Brook Statement on Mohammad Siraj: क्रिकेट के इतिहास में ऐसे पल बहुत कम आते हैं जब एक टीम नामुमकिन सी लगने वाली स्थिति से जीत हासिल करती है. लंदन के ओवल मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया पांचवां टेस्ट मैच भी ऐसा ही एक यादगार लम्हा बन गया. इंग्लैंड को जीत के लिए आखिरी दिन सिर्फ 35 रन की दरकार थी और उसके चार विकेट शेष थे, लेकिन भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने जो किया, वो क्रिकेट प्रेमियों को बरसों तक याद रहेगा. सिराज ने सिर्फ गेंद से नहीं, बल्कि जज्बे, आत्मविश्वास और खेल भावना से भी सबका दिल जीत लिया.
सिराज ने किया नामुमकिन को मुमकिन
भारत के लिए मैच का आखिरी दिन सबसे कठिन चुनौती लेकर आया. इंग्लैंड को मात्र 35 रन चाहिए थे और उसके पास चार विकेट थे. ज्यादातर क्रिकेट विशेषज्ञ और प्रशंसक मान रहे थे कि मैच कुछ ही ओवरों में खत्म हो जाएगा और इंग्लैंड यह टेस्ट जीतकर सीरीज पर कब्जा कर लेगा. लेकिन मोहम्मद सिराज की योजना कुछ और थी.
सुबह सिराज ने अपने फोन पर ‘बिलीव’ वाला इमोजी वॉलपेपर लगाया और उसी विश्वास के साथ मैदान में उतरे. उन्होंने सिर्फ तीन विकेट लिए, बल्कि क्रिस वोक्स, जेम्स एंडरसन और मार्क वुड जैसे अहम बल्लेबाजों को पवेलियन भेज कर भारत को छह रन से अविश्वसनीय जीत दिलाई. सिराज ने इस टेस्ट में कुल नौ विकेट लिए, जिसमें दूसरी पारी में 30.1 ओवर में 104 रन देकर पांच विकेट शामिल थे.
उनकी गेंदबाजी में न केवल गति और सटीकता थी, बल्कि एक रणनीति और मानसिक मजबूती भी दिखी, जो दबाव में बड़े खिलाड़ियों की पहचान होती है. दूसरे छोर से प्रसिद्ध कृष्णा ने भी जबरदस्त साथ निभाया और 126 रन देकर चार अहम विकेट चटकाए. इंग्लैंड की पूरी टीम 374 रनों का पीछा करते हुए 367 रन पर सिमट गई.
IND vs ENG: खेल भावना की मिसाल
सिराज ने जीत के बाद केवल मैदान पर ही नहीं, बल्कि अपने व्यवहार से भी सबका दिल जीत लिया. जैसे ही भारत ने आखिरी विकेट हासिल किया, सिराज ने इंग्लैंड के चोटिल बल्लेबाज क्रिस वोक्स को गले लगाया. वोक्स एक हाथ में बल्ला पकड़े मैदान पर डटे रहे थे और खेल भावना की मिसाल बने थे. सिराज का यह सम्मानजनक व्यवहार सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों ने इसे सराहा.
वहीं, इंग्लैंड के बल्लेबाज हैरी ब्रूक ने भी सिराज की जमकर तारीफ की. मैच के बाद ब्रूक ने कहा, “मुझे लगा था कि हम आसानी से जीत जाएंगे लेकिन सिराज की गेंदबाजी ने सब उलट दिया. उसने पूरे सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया और अंत में हम उससे पार नहीं पा सके.” ब्रूक को इस सीरीज का ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया, लेकिन उन्होंने सिराज की सराहना कर यह दिखा दिया कि असली जीत खेल की भावना और प्रदर्शन की होती है.
भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भी सिराज को इस जीत का असली नायक बताया और कहा कि यह जीत आने वाले समय में युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देगी.
नाटकीय सीरीज का नायाब अंत
यह मुकाबला सिर्फ एक टेस्ट नहीं था, बल्कि पूरे सीरीज का चरम बिंदु था. पांच मैचों की यह सीरीज पहले ही कई उतार-चढ़ाव से भरपूर रही थी, और आखिरी मैच में जो रोमांच मिला, उसने इसे ऐतिहासिक बना दिया. भारत ने न सिर्फ यह मैच छह रन से जीता, बल्कि सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म किया.
यह जीत भारतीय टीम के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाली साबित होगी, खासकर तब जब विदेशी जमीन पर प्रदर्शन को लेकर लगातार सवाल उठते रहते हैं. मोहम्मद सिराज ने यह साबित कर दिया कि यदि मन में विश्वास और इरादे पक्के हों, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता.
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