-3- प्रतिनिधि, फारबिसगंज फारबिसगंज आरबी लेन में स्थित तेरापंथ भवन में रविवार को समणी निर्देशिका भावित प्रज्ञा जी समणी धर्म प्रज्ञा जी व समणी मुकुल प्रज्ञा जी के सान्निध्य में तेरापंथ धर्म संघ के एकाधिमशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी का 52वां दीक्षा दिवस सानंदपूर्वक मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के जप के साथ हुई. इसके बाद महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण किया. स्थानीय सभाध्यक्ष ने समणीवृंद का स्वागत करते हुए आचार्य श्री महाश्रमण जी के 52वें दीक्षा दिवस पर अपनी व सभा परिवार की तरफ से गुणोंनुवाद किया. समणी मुकुल प्रज्ञा जी ने गुरु के पांच गुणों के बारे में बताया व आचार्य श्री महाश्रमण जी की तुलना महासूर्य से की. महिला मंडल व कन्या मंडल के द्वारा गीतिका की प्रस्तुति दी गयी. स्थानीय अणुव्रत समिति की अध्यक्षा नीलम बोथरा के द्वारा सही रूप में युवा कौन होता है. इसके बारे में प्रकाश डाला गया. समणी निर्देशिका भावित प्रज्ञा जी ने अपने विचारों को प्रकट करते हुए कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी गुण रत्नाकर के समान है. अर्थात इनके जितने गुणोंनुवाद किया जाये. उतना ही कम है. लेकिन यह कभी भी खत्म नहीं होने वाले हैं. इसके साथ-साथ उनमें करुणा, वात्सल्य, सरलता व मृदुता जैसे गुण भरे हुए हैं. त्रृजु व्यक्ति ही भावों से ही भव पार करता है. आचार्य श्री महाश्रमण जी यायावर हैं. आज का उनका दीक्षा दिवस युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. क्योंकि युवा में जोश के साथ होश भी होना आवश्यक है. इस कार्यक्रम में सभा महिला मंडल,युवक परिषद कन्या मंडल व ज्ञान से अलग की बच्चों की अच्छी संख्या में उपस्थिति दर्ज की गयी.
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