22.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मधुश्रावणी को लेकर नवविवाहिताओं में उत्साह

मिथिला संस्कृति में रचा-बसा है यह अनोखा लोक पर्व

भरगामा. प्रखंड सहित पूरे मिथिलांचल में मधुश्रावणी पर्व की धूम है. विशेष रूप से नवविवाहिताओं में इस पर्व को लेकर गजब का उत्साह देखा जा रहा है. यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है. बल्कि इसमें मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं की झलक भी देखने को मिलती है. पंडित राजेंद्र मिश्र ने बताया मधुश्रावणी पर्व खास तौर पर नवविवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. जिसमें वे अपने पति की दीर्घायु व सुखी दांपत्य जीवन की कामना के साथ व्रत रखती हैं. भगवान शिव, माता पार्वती व नाग देवता की पूजा के साथ यह पर्व 14 दिनों तक चलता है. सुबह व दोपहर की कथा सुनना, सांझ में फूल चुनकर पूजा करना व पारंपरिक गीतों का गायन मधुश्रावणी पर्व को एक आध्यात्मिक व सांस्कृतिक यात्रा में बदल देते हैं. इन कथाओं के माध्यम से नवविवाहिताएं नारी धर्म, संस्कार व जीवन जीने की कला सीखती हैं. पर्व के दौरान ‘टेमी दागना’ जैसी अनोखी रस्में भी निभाई जाती हैं. जिसमें नवविवाहिता के घुटने पर जलती लौ से प्रतीकात्मक निशान बनाया जाता है. इस पर्व में मायका व ससुराल दोनों का समान महत्व होता है. नवविवाहिताएं दोनों स्थानों से प्राप्त वस्त्र, मिठाई व पूजा सामग्री का उपयोग करती हैं. जो परिवारों के बीच संबंधों को मजबूत करता है. पूरे पर्व में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है. महिलाएं बिना नमक का भोजन या केवल सेंधा नमक का उपयोग करती हैं. जिससे व्रत की पवित्रता बनी रहती है. मधुश्रावणी न केवल एक धार्मिक पर्व है. बल्कि यह मिथिला की लोक संस्कृति व पारिवारिक मूल्यों का अद्भुत संगम भी है. यह नवविवाहित महिलाओं के लिए न केवल एक पर्व, बल्कि एक सीख, एक अनुभव व एक यादगार अध्याय बन जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel